सही देखभाल के लिए
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल वजाइनल इन्फेक्शन के करीब 33.3 करोड़ केस सामने आते हैं। फिर भी ज़्यादातर स्त्रियों को इसकी जानकारी नहीं होती है।
By Edited By: Published: Mon, 05 Sep 2016 12:31 PM (IST)Updated: Mon, 05 Sep 2016 12:31 PM (IST)
मानसून सीजन के बाद पर्सनल हाइजीन की ओर ध्यान देना बेहद जरूरी है क्योंकि पसीने और भीगने के कारण संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। जानिए कैसे रख सकते हैं, पर्सनल हाइजीन का ध्यान। एक नजर प्राइवेट पाट्र्स को हमेशा साफ रखें। अगर आपकी स्किन सेंसिटिव हो तो बेबी वाइप्स का इस्तेमाल करें, ये न सिर्फ त्वचा को साफ रखने में मदद करेंगे बल्कि दुर्गंध से भी बचाएंगे। 100% कॉटन इनरवेयर और अंडरवेयर को पहनने से जलन का एहसास नहीं होगा। गलतियां न करें स्ट्रॉन्ग और हार्श साबुन का इस्तेमाल अपने प्राइवेट हिस्से पर न करें। इसमें मौजूद अल्काइन पीएच होने की वजह से इसका एसिडिक रिएक्शन हो सकता है, जिस कारण प्राइवेट हिस्से में अत्यधिक रूखापन, स्मेल आना, इचिंग और इरिटेशन महसूस होने जैसी समस्याएं हो जाती हैं। पीरियड्स के दौरान दिन में दो बार शॉवर लें। इसके अतिरिक्त सैनिटरी नैपकिन को समय-समय पर बदलते रहें। टाइट-फिटिंग वाले पैन्ट्स, जींस, लेगिंग्स न पहनें। इस तरह के कपडे पहनने से शरीर में हवा नहीं लगती, जिससे ज्य़ादा पसीना आने की वजह से गुप्तांगों पर सूजन व खुजली शुरू हो जाती है। हमेशा कॉटन के ही अंडरवेयर पहनें और दिन में कम से कम दो बार उन्हें जरूर बदलें। गीले कपडे तुरंत बदलें, जिनमें स्विमसूट और व्यायाम के कपडे शामिल होते हैं। गर्म पानी से न नहाएं क्योंकि वजाइना इन्फेक्शन गर्म और गीले स्थानों पर जल्दी और तेजी से वृद्धि करता है। रखें हाइजीन का ध्यान वजाइनल इन्फेक्शन होना कोई गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन यह गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। हर स्त्री को कम से कम एक बार इस इन्फेक्शन से गुजरना ही पडता है। इचिंग होने पर अकसर एंटी-फंगल क्रीम लगाने से भी नुकसान के चांसेज बढ जाते हैं। यह दो तरह के संक्रमण होते हैं, बैक्टीरियल वेजीनोसिस (बीवी), इसमें वजाइना में बैक्टीरिया काफी हद तक बढ जाते हैं। दूसरा इन्फेक्शन ट्रिकोमोनिसाइसिस है, जिसमें अत्यधिक खुजली महसूस होती है, इसको नजरअंदाज करना गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। जरूरी है जानकारी इंटिमेट एरिया में लैक्टिक एसिड के स्वाभाविक उत्पादन के लिए पीएच 3.5 से 4.5 तक बनाए रखना होता है। इंटीमेट एरिया में मौजूद लैक्टिक एसिड बैड बैक्टीरिया के उलट एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। पानी और साबुन का ज्य़ादा इस्तेमाल आपको नुकसान पहुंचाने के साथ ही वजाइना का सतुंलित पीएच बैलेंस नष्ट करता है, जिस कारण बैक्टीरिया के चांसेज बढ जाते हैं। ध्यान रखें, अपने इंटीमेट एरिया को लैक्टिक एसिड से साफ करना चाहिए ताकि पीएच वैल्यू संतुलित रहे।
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