हीट स्ट्रोक से कैसे बचेंं
गर्मी में हीट स्ट्रोक एक आम समस्या है, लेकिन ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है। क्या हैं इसके लक्षण और कैसे बचें इससे, जानें।
हीट एग्जॉशन गर्मी की एक आम समस्या है। यह ते•ा धूप या गर्मी में अधिक समय तक रहने से हो सकती है। आमतौर पर शरीर से पसीने के रूप में गर्मी निकलती रहती है लेकिन इस समस्या में शरीर का नैचरल कूलिंग सिस्टम काम करना बंद कर देता है, जिससे तापमान 100 डिग्री फॉरनहाइट से अधिक हो सकता है। इसे हीट स्ट्रोक कहते हैं। अगर शरीर का तापमान 102 डिग्री फॉरनहाइट से अधिक होने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना •ारूरी होता है।
क्या करें
श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट््यूट के िफजिशियन डॉ. रमन शर्मा के मुताबिक हीट स्ट्रोक से बचने के लिए खूब पानी पिएं। यदि एल्कोहॉल लेते हों तो इसे तुरंत बंद करें और तरबूज, नींबू पानी, नारियल पानी, लीची, कीवी, खरबूजा, अंगूर, छाछ आदि का सेवन करें। मरी•ा को कच्चे आम का पना और इलेक्ट्रॉल का घोल दें। चाय-कॉफी या कोई भी गर्म पेय पदार्थ इस समय न दें। मरी•ा को ठंडे पानी से स्नान कराएं।
ध्यान रखें
-गर्मियों के दौरान ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए। पानी में थोडा नमक मिला कर पीने से शरीर में नमक की कमी नहीं होगी।
-तला-भुना और भारी भोजन करने से बचें। इसके अलावा गर्मियों में बाहर के खाने से परहे•ा करें। हीट स्ट्रोक के मरीजों को हलका भोजन देना चाहिए।
-ते•ा धूप में बाहर निकलने से बचें। अगर निकलना ही हो तो अपने साथ पानी की बोतल, नींबू, छाता, ग्लूकोज, सन ग्लासेज अवश्य रखें।
- गर्मी के मौसम में ठंडे पानी में नींबू और चीनी-नमक मिला कर पीने से हीट स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
- दही का सेवन अवश्य करें। प्यास न लगे तो भी पानी पीते रहें और हीट स्ट्रोक के मरी•ा को हर दो-तीन घंटे पर छाछ देते रहें। इससे हीट का प्रभाव कम होगा और मरी•ा धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा।
कारण
हीट स्ट्रोक तेज धूप या अधिक गर्मी में बाहर निकलने के कारण होता है। इससे शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है
थाइरॉयड असंतुलन और शरीर में ब्लड शुगर के स्तर में कमी से (खासतौर पर डायबिटी•ा के मरी•ाों को) ऐसा हो सकता है
एल्कोहॉल का सेवन करने, हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग के अलावा एंटी डिप्रे•ोंट्स का नियमित इस्तेमाल करने से भी हीट स्ट्रोक हो सकता है।
लक्षण
सिरदर्द होना
चक्कर आना
त्वचा व नाक का खुष्क हो जाना
अधिक पसीना आना
मांसपेशियों में ऐंठन व कमजोरी
उलटी आना
ब्लड प्रेशर बढना
बेहोशी आना
व्यवहार में बदलाव आना या चिडचिडापन।
सखी फीचर्स