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संतुलन से सुधरेगी सेहत

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो तमाम कोशिशों के बावज़ूद अपना वज़न घटा नहीं पाते क्योंकि उनके शरीर में मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया सही ढंग से काम नहीं कर रही होती है। ज़रूर पढ़ें यह लेख।

By Edited By: Published: Tue, 09 Aug 2016 01:53 PM (IST)Updated: Tue, 09 Aug 2016 01:53 PM (IST)
संतुलन से सुधरेगी सेहत
भी अपने आसपास कुछ ऐसे लोगों को जरूर देखा होगा जो डाइटिंग के साथ नियमित एक्सरसाइज करते हैं, फिर भी उनका वजन नहीं घटता। ऐसे में वे अकसर परेशान हो जाते हैं कि तमाम कोशिशों के बावजूद उनके साथ ही ऐसा क्यों होता है? इसकी सबसे प्रमुख वजह यही है कि उनके शरीर में मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया सही ढंग से काम नहीं करती। क्या है कार्यप्रणाली मेटाबॉलिज्म पाचन तंत्र से जुडी ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत हमारा शरीर ग्रहण किए गए भोजन को ऊर्जा में बदलता है। उसके बाद पाचन तंत्र में होने वाले केमिकल ट्रॉन्सफॉर्मेशन की प्रक्रिया द्वारा भोजन से मिलने वाली एनर्जी प्रोटीन, फैट, कार्ब और ग्लूकोज में बदल जाती है। हमारे शरीर को हर काम के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। यहां तक कि आराम के समय भी शरीर में रक्त-प्रवाह, श्वसन क्रिया और टूटे-फूटे तंतुओं की मरम्मत का काम चल रहा होता है। अगर शरीर में मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया संतुलित है तो बढते वजन को नियंत्रित करना आसान हो जाता है पर ऐसा न होने पर वजन का घटाना मुश्किल होता है। दरअसल जब हमारे शरीर में बी.एम.आर.यानी बेसल मेटाबॉलिक रेट काफी कम हो जाता है तो मांसपेशियों पर फैट जमा होने लगता है। इसके अलावा ज्य़ादा देर तक खाली पेट रहने के बाद तेज भूख की वजह से अकसर ओवर ईटिंग हो जाती है। ऐसे में हमारा शरीर उस सारे भोजन को ऊर्जा में नहीं बदल पाता। नतीजतन शरीर में कैलरीज का संग्रह होने लगता है। एक्सरसाइज और डाइटिंग जैसी कोशिशें भी तभी फायदेमंद साबित होती हैं, जब शरीर का मेटाबॉलिक रेट सही हो। भोजन का ऊर्जा में बदलना और उस ऊर्जा की सही खपत, मेटाबॉलिज्म की पूरी प्रक्रिया में इस चक्र का अनवरत ढंग से चलते रहना बेहद जरूरी है। क्यों होता है असंतुलन आमतौर पर 25 साल की आयु के बाद प्रत्येक 10 वर्ष के अंतराल में व्यक्ति के बी.एम.आर. में 5 से 10 प्रतिशत तक की कमी आती है लेकिन नियमित एक्सरसाइज और मॉर्निंग वॉक से यह नुकसान काफी हद तक कम हो जाता है। उम्र बढऩे के साथ एक्सरसाइज, योगाभ्यास और मॉर्निंग वॉक को अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से शामिल करना चाहिए। इससे मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया तेज होती है और वजन भी नहीं बढता। जब गले में स्थित थायरॉयड ग्लैंड सही ढंग से काम नहीं करता, तब भी वजन के घटने या बढऩे की समस्या हो सकती है क्योंकि इससे निकलने वाला हॉर्मोन भी मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। यदि किसी को थायरॉयड की समस्या हो तो उसे डॉक्टर की सलाह पर नियमित रूप से दवाओं का सेवन करना चाहिए। कैसे दुरुस्त हो प्रक्रिया प्रोटीन को पचाने में शरीर को सबसे ज्य़ादा मेहनत करनी पडती है। अगर आप अपना वजन जल्दी घटाना चाहते हैं तो हाई प्रोटीन डाइट लें क्योंकि ऐसी चीजें व्यक्ति के शरीर में मेटाबॉलिक रेट को बढा देती हैं, जिससे वजन घटने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। इसके लिए आप दाल, स्प्राउट्स, मछली, चिकेन और अंडे की सफेदी का सेवन कर सकते हैं। कार्बोहाइड्रेट और अधिक वसायुक्त चीजों, जैसे घी-तेल, मक्खन, चावल और मैदे से बनी चीजों से दूर रहने की कोशिश करें। एक ही बार में ज्य़ादा खाने के बजाय हर दो-तीन घंटे के अंतराल पर थोडा-थोडा खाते रहें तो इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रहेगा। रोजाना पर्याप्त नींद लें क्योंकि देर रात जागने वाले लोगों को ज्य़ादा भूख लगती है और इससे उनकी मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया में बाधा पहुंचती है। खानपान के साथ अपने आराम पर भी पर्याप्त ध्यान दें। रोजाना आठ घंटे की नींद लें। देर रात तक जागने वाले लोग भूख लगने पर अधिक कैलरी वाली चीजों के प्रति आकर्षित होते हैं। इससे उनका वजन बढ जाता है। जरूरी है सजगता कुछ लोग क्रैश डाइटिंग करके तेजी से अपना वजन घटा लेते हैं पर यह सेहत के लिए ठीक नहीं होता। इससे शरीर का मेटाबॉलिक रेट काफी कम हो जाता है और ऐसे लोग धीरे-धीरे पहले से ज्य़ादा वजन बढा लेते हैं। इस समस्या से बचने के लिए हमेशा संतुलित आहार अपनाएं। वजन बढऩे का बहुत बडा कारण तनाव भी है। ऐसी मन:स्थिति में हमारे मस्तिष्क से कॉर्टिसोल नामक हॉर्मोन का स्राव बढ जाता है। नतीजतन शरीर में फैट जमा होने लगता है। इसलिए हमेशा तनावमुक्त रहें, योग और एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। विटमिन डी की कमी से वजन घटने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। अगर लगातार कोशिश करने के बावजूद आपका वजन कम न हो रहा हो तो डॉक्टर की सलाह से विटमिन डी की जांच जरूर करवा लें। हमेशा याद रखें पानी भी मेटाबॉलिज्म बढाने में मददगार होता है। रोजाना कम से कम 8 ग्लास पानी जरूर पिएं। यह हमारी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के साथ शरीर से नुकसानदेह तत्वों को बाहर निकालने का भी काम करता है। ग्रीन टी मेटाबॉलिक रेट को बढा कर वजन घटाने में सहायक होती है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट तत्व शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। मसालेदार चीजें भी मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को तेज कर देती हैं। इसलिए थोडा तीखा खाना सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं है। मिर्च में मौजूद कैप्सेकिन नामक तत्व उसे तीखापन देने के अलावा हमारे शरीर का मेटाबॉलिक रेट बढाने में भी मददगार होता है लेकिन जिन्हें अल्सर या पाइल्स जैसी समस्या हो उन्हें मिर्च से बचना चाहिए। ओमेगा-3 फैटी एसिड मेटाबॉलिज्म की गति बढाने में सहायक होता है। मछली, बादाम और अखरोट इसके बहुत अच्छे स्रोत हैं। इसलिए इन चीजों को अपने भोजन में प्रमुखता से शामिल करें। कुकिंग के लिए नॉनस्टिक बर्तनों का इस्तेमाल करें और खाना बनाने के लिए किसी अच्छी कंपनी के कुकिंग ऑयल का सीमित मात्रा में प्रयोग करें। अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए तो न केवल बढते वजन को नियंत्रित करना आसान होगा, बल्कि हमारा शरीर भी स्वस्थ रहेगा। सखी फीचर्स इनपुट्स : डॉ. सौमित्र रावत, एचओडी डिपार्टमेंट ऑफ गैस्ट्रोलॉजी, सर गंगाराम हॉस्पिटल दिल्ली

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