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बढ़ाए आपके गार्डन की शान

चाहे बात सेहत की हो या सौंदर्य की, या फिर घर की साफ-सफाई का मामला हो, नींबू हर जगह काम आता है और इसके फायदे याद आने लगते हैं।

By Edited By: Published: Tue, 14 Mar 2017 04:06 PM (IST)Updated: Tue, 14 Mar 2017 04:06 PM (IST)
बढ़ाए आपके गार्डन की शान

विटमिन सी से भरपूर नींबू में न केवल सेहत का बल्कि सुंदरता का भी खजाना छुपा है। नींबू के इन्हीं गुणों के कारण घर में इसका पौधा लगाना फायदेमंद हो सकता है।इसी कारण लोग गार्डन में नींबू उगाना पसंद करते हैं लेकिन सही जानकारी न होने के कारण अकसर गलती कर बैठते हैं। नींबू का पौधा उगाने के लिए कुछ बातों का खयाल रखना जरूरी है।

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गमले का प्रकार अगर आपके पास ओपन स्पेस है तो अच्छा होगा कि नींबू का पौधा जमीन पर उगाएं। ऐसा संभव नहीं हो तो उसे किसी बडे गमले में लगाएं। बडे गमले में लगाने से उसके बढऩे पर उसे रिप्लेस नहीं करना पडेगा। गमला कम से कम 7 इंच गहरा होना चाहिए। इससे पेड की ग्रोथ अच्छी होगी।

बीज बोना नींबू के बीज आसानी से बाजार में मिल जाते हैं। बाजार से बीज लाकर उसे मिट्टी के अंदर हलका सा दबा दें। ऊपर से थोडा सा पानी डाल दें। जिस दिन बीज बोएं, उस दिन दो बार पानी देने की जरूरत नहीं है। अगले दिन से दिन में दो बार पौधे को पानी दें।

धूप दिखाएं बीज को बोने के बाद गमले को अगले दिन धूप दिखाएं। ऐसा हर दिन करें। ज्य़ादा कडक धूप में न रखें लेकिन नींबू के पौधे को धूप दिखाना जरूरी है। प्रतिदिन पौधे को 8 घंटे की धूप चाहिए।

गर्म स्थान नींबू के बीज से पौधा निकलने के लिए उच्च तापमान चाहिए। गमले को गर्म स्थान पर ही रखें। पौधे के निकलने तक मिट्टी को बार-बार न छुएं। सर्दी के मौसम में सही तापमान के लिए नींबू का पौधा घर के अंदर ही रखें। जिस रोज धूप खिली हो गमले को कुछ वक्त बाहर भी रखें।

अंकुरण बीज से पौधा निकलने की शुरुआत कुछ ही दिनों में हो जाती है। ऐसे में आप चाहें तो पौधे को अलग-अलग गमलों में लगा सकती हैं लेकिन ध्यान रखें कि जड न टूटने पाए।

पानी नींबू के पौधे को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। सुबह-शाम दोनों समय बराबर पानी दें।

उर्वरक नींबू के पेड को बढाने के लिए बाजार में कई उर्वरक आते हैं, उनका इस्तेमाल करें लेकिन इससे भी अच्छा विकल्प यह है कि आप इसमें गोबर की खाद बनाकर डालें। प्राकृतिक खाद डालने से ज्य़ादा फायदा होता है।

-स्त्रियों के लिए गार्डनिंग करना न केवल एक अच्छी हॉबी है बल्कि एक बेहतरीन उपचार पद्धति भी है। -जो स्त्रियां नियमित रूप से बागवानी करती हैं, वे अपेक्षाकृत अधिक स्वस्थ और तनावमुक्त रहती हैं। -गार्डनिंग से आत्मविश्वास और धैर्य में वृद्धि होती है। -बागवानी से तनाव में कमी आती है जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है। -जो स्त्रियां घर पर ही रहती हैं, वे बागवानी द्वारा अपने समय का सदुपयोग करके निरर्थक कार्यों से बच सकती हैं।


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