क्यों ज़रूरी है मैग्नीशियम
हमारे शरीर को हमेशा स्वस्थ और सक्रिय बनाए रखने के लिए जिन मिनरल्स की ज़रूरत होती है, मैग्नीशियम उनमें से एक है। यह क्यों और कितना ज़रूरी है, जानते हैं सखी के साथ।
हमारे शरीर को हमेशा स्वस्थ और सक्रिय बनाए रखने के लिए जिन मिनरल्स की जरूरत होती है, मैग्नीशियम उनमें से एक है। यह क्यों और कितना जरूरी है, जानते हैं सखी के साथ।
हमारे शरीर की संरचना में मैग्नीशियम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और यह हमें कई बीमारियों से बचाता है।
कैसे पहुंचाता है फायदा
मैग्नीशियम भी कैल्शियम और बोरियम की तरह एक क्षारीय तत्व है। हाल ही में किए गए शोध से यह प्रमाणित हो चुका है कि यह शरीर में मौजूद एंजाइम के साथ मिलकर ग्लूकोज बनाने का काम करता है और यह इंसुलिन बनाने की प्रक्रिया को भी दुरुस्त रखता है। मैग्नीशियम युक्त चीजों के सेवन से टाइप-2 डायबिटीज का ख्ातरा कम हो जाता है। यह हमारी स्मरण-शक्ति को मजबूत बनाता है। हाई ब्लडप्रेशर, दिल की बीमारियों, तनाव, माइग्रेन और आथ्र्राइटिस जैसी समस्याओं से बचाव में भी सहायक होता है। इतना ही नहीं कैल्शियम के साथ मिलकर यह हड्डियों को मजबूत बनाता है। गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए भी यह तत्व बहुत जरूरी है।
क्या हैं प्रमुख स्रोत
अगर यहां बताई गई चीजों को खानपान में नियमित रूप से शामिल किया जाए तो इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम मिल जाता है और इसके लिए अलग से सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता नहीं होती।
दही : यह कैल्शियम और मैग्नीशियम का बहुत अच्छा स्रोत है।
केला : इसमें पोटैशियम के साथ मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के साथ ही स्मरण-शक्ति बढाने में भी मददगार होता है।
सीताफल के बीज : सीताफल के बीजों में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके बीजों को धूप में सुखा कर हलके तेल और नमक के साथ इन्हें भून लें और इसके बाद स्नैक्स की तरह इनका सेवन करें, शरीर को भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम मिलेगा।
बादाम : यह मैग्नीशियम का सबसे अच्छा स्रोत है। प्रतिदिन पानी में भिगोए हुए पांच बादाम का सेवन याददाश्त बढाने के साथ नर्वस सिस्टम से संबंधित बीमारियों से भी बचाव करता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां : ये आयरन के साथ मैग्नीशियम का भी बहुत अच्छा सा्रेत होती हैं। पत्तेदार सब्जियां शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढाने के साथ मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी सहायक होती हैं।
स्प्राउट्स : अगर नाश्ते में साबुत मूंग और चने को अंकुरित करके खाया जाए तो इससे मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया दुरुस्त रहती है।
अति है नुकसानदेह
अन्य पोषक तत्वों की तरह मैग्नीशियम की अधिकता भी नुकसानदेह साबित हो सकती है। इसकी अधिकता से लो ब्लड प्रेशर, नॉजिया और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, प्राकृतिक स्रोतों से मिलने वाले मैग्नीशियम के सेवन से ऐसी कोई आशंका नहीं होती। अगर यहां बताई गई चीजों का नियमित सेवन किया जाए तो इससे ऐसी कोई समस्या नहीं होगी। हां, अपनी मजर्ी से मैग्नीशियम सप्लीमेंट का सेवन नुकसानदेह हो सकता है।
सखी फीचर्स
(पीएसआरआइ हॉस्पिटल दिल्ली की सीनियर न्यूट्रिशनिस्ट नीलांजना सिंह से बातचीत पर आधारित)