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न करें कॉर्न की अनदेखी

अगर आपके फुटवेयर की फिटिंग सही नहीं है तो सावधान हो जाइए।हो सकता है कि आप फैशन या आलस में उसे बदलने से कतरा रहे हों पर ये लापरवाही आपके नाज़ुक पैरों में कॉर्न जैसी समस्या दे सकती है

By Edited By: Published: Sun, 09 Oct 2016 01:39 PM (IST)Updated: Sun, 09 Oct 2016 01:39 PM (IST)
न करें कॉर्न की अनदेखी
हमें अपने पैरों का भी उतना ही ख्याल रखना चाहिए जितना कि शरीर के बाकी हिस्सों का रखते हैं। जरा सी भी लापरवाही मुसीबत का सबब बन सकती है। कैलस से शुरू हुई पैरों की समस्या कब कॉर्न का रूप ले लेती है, हमें खुद भी पता नहीं चलता। क्या है कॉर्न जब पैर के किसी हिस्से पर अत्यधिक दबाव पडता है तो वहां की स्किन हार्ड होने लगती है। यह हार्ड स्किन स्पेशल स्किन सेल्स की वजह से पैदा होती है। इस हार्ड स्किन को कैलस कहते हैं और अगर समय पर इसका इलाज न करवाया जाए तो यह कॉर्न में बदल जाती है। कॉर्न का काम हमारे शरीर को किसी भी दबाव से बचाना होता है पर कई बार नाखून जैसा स्ट्रक्चर बन जाने से वे चलते समय बहुत चुभते हैं, जिसकी वजह से उस जगह दर्द होने लगता है। समस्या के कारण कॉर्न होने की कई वजहें होती हैं। अधिकतर ये हमारी ही बेपरवाही का नतीजा होते हैं। अगर फुटवेयर लेते समय थोडी सावधानी बरती जाए तो इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है। कॉर्न की समस्या के मुख्य कारण हैं- 1. ज्यादा चलने से पैरों पर एक्स्ट्रा दबाव पडता है जिससे पैरों की उंगलियों के जोडों में कठोर, मोटी और परतदार त्वचा बनने लगती है। 2. गलत फिटिंग के फुटवेयर पहनने से भी यह समस्या होती है। हील्स व पीपटोज को कम से कम पहनना चाहिए। इनसे पैर के अंगूठे के बेस पर कॉर्न बनने लगता है। 3. चलने के गलत तरीके से भी आप कॉर्न की समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं। 4. बिना मोजे के जूते पहनने से पैरों में फ्रिक्शन होता है, उससे भी यह समस्या उत्पन्न होती है। बचाव है अहम समस्या होने पर परेशान होने से बेहतर है कि पहले से ही उससे बचाव के तौर-तरीकों पर ध्यान दिया जाए। कॉर्न की समस्या पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों को ज्यादा होती है। जूते या सैंडल आगे से चौडे होने चाहिए। ध्यान रखें कि उनका सोल भी कंफर्टेबल हो। कोशिश करें कि अकसर फ्लैट्स ही पहनें। जब ज्यादा चलना हो तो लगातार चलते रहने के बजाय बीच-बीच में रेस्ट लें। पैरों के नाखून काटते वक्त सीधे बैठें। क्या करें कॉर्न होने पर कॉर्न होने पर खुद डॉक्टर न बनें। उसे घर पर निकालने की कोशिश करने के बजाय किसी स्किन स्पेशलिस्ट से मिलें। प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर मेडिकल स्टोर से लोशन लिया जा सकता है। अगर समय रहते इसका ट्रीटमेंट न किया जाए तो लोशन फायदा नहीं करता है। ऐसी स्थिति में उसे सर्जरी से हटवाना पडता है। जब कॉर्न चुभने लगता है तो लोग अकसर अपने हाव-भाव बदल कर चलने लगते हैं। इससे बचना चाहिए वर्ना जोडों में दर्द की समस्या भी हो सकती है। होम्योपैथी का है विकल्प कॉर्न का इलाज होम्योपैथी में भ्भी करवाया जा सकता है। उसमें बीमारी की जड के साथ-साथ इंसान के व्यक्तित्व को भी समझा जाता है। यह समस्या उन लोगों में अधिकतर पाई जाती है जो हर तरह की स्थिति में खुद को ढाल लेते हैं। कॉर्न में सूजन और दर्द होने पर तुरंत चिकित्सक सेपरामर्श लें। डॉ. पंकज अग्रवाल, सीनियर होम्योपैथी फिजिशियन

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