एक हजारों में मेरी बहना है
भाई-बहन के रिश्ते में वैसे तो दोनों ही का एक-दूसरे पर अटूट स्नेह और विश्वास होता है, लेकिन किसी भी भाई के लिए उसकी बहन सबसे खास होती है। उसके डांटने, रूठने और झगड़ने में भी प्यार छिपा होता है। यहां बॉलीवुड की कुछ मशहूर शख्सीयतें अपनी बहनों के साथ जुड़ी ऐसी ही मीठी यादें बांट रही हैं सखी के साथ।
बेस्ट फ्रेंड होती हैं बहनें
अजय देवगन, अभिनेता
बचपन से से ही मुझे अपनी दोनों बहनों से खास लगाव है और उन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया है। आज इतनी व्यस्तता के बावजूद हमेशा मेरी यही कोशिश होती है कि रक्षाबंधन वाले दिन हम सब साथ रहें। क्योंकि पूरे साल में यही एक ऐसा दिन है, जो दूर रहने वाले भाई-बहनों को एक-दूसरे के करीब लाता है। सच, किसी लडके की जिंदगी में बहनें उसकी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं।
नहीं भुला सकता दीदी का प्यार
उदित नारायण, गायक
मेरी इंदिरा दीदी अब इस दुनिया में नहीं हैं। हर साल रक्षाबंधन के अवसर पर मुझे उनकी बहुत याद आती है। उनकी शादी में मैं मात्र पांच साल का था। दीदी का विवाह बिहार के एक संपन्न जमींदार परिवार में हुआ था। वह मुझसे विशेष स्नेह रखती थीं। मैं उनके बिना एक पल भी नहीं रह पाता था। हमारे पिता पेशे से किसान थे। उनकी माली हालत ऐसी नहीं थी कि वे वह मुझे पढा सकें। यह सब देखते हुए दीदी ने मुझे अपने पास बुला लिया और वहीं स्कूल में मेरा एडमिशन करवा दिया। वहीं रहकर मैंने दस साल तक पढाई की। दीदी मुझे मां की तरह प्यार करती थीं। अब वह इस दुनिया में नहीं हैं, पर मुझे ऐसा लगता है कि आज मैं जो कुछ भी हूं दीदी की वजह से हूं, अगर वह न होतीं तो शायद मुझे स्कूली शिक्षा भी न मिल पाती। कहा जाता है कि भाई बहनों की रक्षा करते हैं, पर मेरे लिए तो दीदी ने यह फर्ज निभाया।
बेला ने दिया इमोशनल सपोर्ट
संजय लीला भंसाली, फिल्म निर्माता
मेरे पिता जी को बिजनेस में भारी नुकसान हुआ और कुछ ही दिनों के बाद उनका निधन हो गया। इसके बाद हमने बडी मुफलिसी में दिन गुजारे। ऐसे में अगर बेला ने मेरा साथ न दिया होता होता तो शायद आज मैं इस मकाम पर खडा नहीं होता। वह मुझसे पांच साल बडी है। जब भी मैं उदास होता तो वह मुझे समझाती कि तुम्हें पिताजी के अधूरे सपनों को पूरा करना है। उसकी बातों का मुझ पर इतना गहरा असर हुआ कि मैंने बहुत छोटी उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया। हमारे बीच इतनी अच्छी अंडरस्टैंडिंग है कि हम बिना कहे ही एक-दूसरे के दिल की बात समझ जाते हैं। वह बहुत ही मजबूत इरादों वाली समझदार स्त्री है। वह देश की पहली महिला फिल्म एडिटर है। मेरी जिंदगी को संवारने में मां के अलावा मेरी बहन बेला का भी बहुत बडा योगदान रहा है।
फराह ने मुझे नई जिंदगी दी
साजिद खान
हमारा बचपन मुश्किलों से भरा था। मम्मी-पापा का तलाक हो जाने की वजह से हम पर मुसीबतों का पहाड टूट पडा था। शायद बुरा वक्त अपनों को और करीब लाता है। इस घटना के बाद हम दोनों एक-दूसरे का बहुत ज्यादा खयाल रखने लगे। फराह मुझसे मात्र तीन साल बडी है, पर बचपन से ही मां की तरह मेरा खयाल रखती थी। मुझे याद है कि स्कूल के दिनों में वह अपनी पॉकेटमनी से पैसे बचा कर मुझे देती थी, ताकि मैं अपनी मनपसंद चीजें खरीद सकूं। कॉलेज के दिनों में एक ब्रेकअप के बाद मैं गहरे डिप्रेशन में चला गया था, उस वक्त फराह ने मुझे बचा लिया, वरना आज मैं आपके सामने न होता। वह मेरे लिए फ्रेंड, फिलॉसफर और गाइड है।
मुझे बहुत पसंद है यह त्योहार
तुषार कपूर
बचपन में हम दोनों के बीच बहुत लडाई होती थी। बडा भाई होने के नाते मैं खूब दादागिरी किया करता था। एकता मुझसे बचने के लिए पापा के पास चली जाती थी। समय के साथ हमारा रिश्ते में भी बदलाव आया है। अब हम भाई-बहन कम और दोस्त ज्यादा हैं। मेरा मानना है कि किसी भी रिश्ते में दिल से प्यार होना चाहिए, त्योहार तो रस्म अदायगी के लिए होते हैं। फिर भी मुझे रक्षाबंधन का त्योहार बहुत पसंद है। इस मौके पर हर साल मैं उसे ब्लैंक चेक देता हूं। उसे परफ्यूम और घडियों के कलेक्शन का बहुत शौक है। इसलिए मैं उसे गिफ्ट के तौर पर ये दोनों चीजें जरूर देता हूं।
छोटी बहन ने बढाया हौसला
कैलाश खेर, गायक
मुझे अपनी छोटी बहन नूतन से गहरा लगाव है। मेरे जीवन पर उसका बहुत ज्यादा प्रभाव रहा है। वह उम्र में मुझसे छोटी जरूर है, पर बचपन से ही बेहद शांत और समझदार है। उसका स्वभाव बहुत केअरिंग है। उसके साथ मैं अपने अपने दिल की सारी बातें शेयर करता हूं। बहन होने के साथ वह मेरी अच्छी दोस्त भी है। उसे संगीत की गहरी समझ है। अपने हर एलबम के गाने मैं सबसे पहले उसे ही सुनाता हूं, उसके बाद ही रिकॉर्डिग करवाता हूं। वह मेरे लिए बहुत लकी है, अगर मैं रिकॉर्डिग से पहले उसे अपना गाना सुनता हूं तो वह जरूर हिट होता है। आज मैं जो कुछ भी हूं, उसमें नूतन का बहुत बडा योगदान है।