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कॉरपोरेट वल्र्ड में पहला कदम

तेज़ी से पैर पसारते कॉरपोरेट जगत में जितनी तवज्जो काम को दी जाती है, उतना ही अहम व्यक्तित्व को भी समझा जाता है। एक छोटी सी गलती भी आपकी छवि धूमिल कर सकती है। इस बारे में जानकारी दे रही हैं कॉरपोरेट ट्रेनिंग एक्सपर्ट सोनिया गुप्ता।

By Edited By: Published: Fri, 29 May 2015 10:31 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2015 10:31 AM (IST)
कॉरपोरेट वल्र्ड में पहला कदम

तेजी से पैर पसारते कॉरपोरेट जगत में जितनी तवज्जो काम को दी जाती है, उतना ही अहम व्यक्तित्व को भी समझा जाता है। एक छोटी सी गलती भी आपकी छवि धूमिल कर सकती है। इस बारे में जानकारी दे रही हैं कॉरपोरेट ट्रेनिंग एक्सपर्ट सोनिया गुप्ता।

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नीले रंग के कपडे आपको आत्मविश्वास से भरे ही नहीं बल्कि अप्रोचेबल व्यक्ति के रूप में भी दर्शाते हैं। वहीं स्लेटी रंग के परिधान पावर के साथ ही विश्वसनीयता के भी परिचायक हैं। कॉरपोरेट कंपनियों में नौकरी करने की चाहत रखने वाले युवाओं के लिए ये छोटे-छोटे ड्रेसिंग व ग्रूमिंग टिप्स बेहद अहम हैं। जो युवा इस क्षेत्र में कदम रख चुके हैं, उनके लिए भी इनका उतना ही महत्व है क्योंकि उनकी करियर ग्रोथ के लिए जितना अहम उनका काम होता है उतने ही ये एटिकेट्स भी। आइए इनके बारे में जानते हैं।

अहम है फस्र्ट इंप्रेशन

ख्ाुद को प्रेजेंट करने के मामले में शुुरुआत से ही अलर्ट रहना जरूरी है। 'फस्र्ट इंप्रेशन इज द लास्टिंग इंप्रेशन वाली कहावत पुरानी जरूर है, पर आज भी उसका महत्व कम नहीं हुआ है, बल्कि कई गुना बढ गया है। आजकल ज्य़ादातर बडी कंपनियों में इंटरव्यू की समय-सीमा महज 10-15 मिनट ही होती है। किसी भी इंटरव्यू में पहले 30 सेकंड बेहद महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि औसतन इतने ही समय में एंप्लॉयर उम्मीदवार के प्रति राय बना लेते हैं। ऐसे में कम से कम समय में उन्हें इंप्रेस करना उम्मीदवार के लिए एक चैलेंज होता है। ख्ाासकर तब जब इंटरव्यू रूम के बाहर एक से बढकर एक टैलेंटेड उम्मीदवार प्रतीक्षा कर रहे हों। जॉब लगने के बाद भी शुरुआती दिनों में ख्ाुद को प्रेजेंट करने का तरीका एंप्लॉयी की छवि बनाता है जिसके आधार पर उसका प्रमोशन तय किया जाता है। इस संदर्भ में सिर्फकपडों का चयन और उन्हें पहनने का तरीका ही नहीं, बल्कि ग्रूमिंग और अनकॉन्शियस बॉडी लैंग्वेज भी बेहद महत्वपूर्ण है। अगर पहली बार में एंप्लॉयर की नजरों में नेगेटिव छवि बन जाए तो उसे बदलना बेहद मुश्किल होता है।

हर सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण

पिछले कुछ सालों में कंपनियों के सभी सेक्टर्स में भारी बदलाव आए हैं। आज हर कंपनी को ऐसे लोगों की दरकार है जो ख्ाुद को ट्रेड फेयर जैसे इवेंट्स में भी उतने ही प्रभावी ढंग से पेश कर पाएं जितने प्रभावी ढंग से किसी मीटिंग में। हालांकि इस मामले में विभिन्न सेक्टर्स की जरूरतें अलग-अलग हैं। बैंकिंग व कंसल्टिंग जैसे सेक्टर्स में एंप्लॉई के काम से अधिक लाउड कुछ नहीं होना चाहिए। यहां एंप्लॉईज के लिए क्रिस्प फॉर्मल लुक अपनाना सबसे सटीक आइडिया है। वहीं पब्लिशिंग, फोटोग्राफी और मीडिया जैसे गैर परंपरागत सेक्टर्स में जाने का यह मतलब नहीं है कि आपके लिए कोई रूल नहीं है। बल्कि इन सेक्टर्स के लिए ड्रेसअप होना थोडा मुश्किल है, क्योंकि इनमें एंप्लॉयीज को ड्रेसअप होते समय क्रिएटिव, कैजुअल और फॉर्मल लुक के बीच संतुलन कायम करना होता है।

पर्सनलाइज्ड़ फॉर्मल स्टाइल

कॉरपोरेट ड्रेसिंग का कोई एक तय फॉम्र्युला नहीं है। आप किस इंडस्ट्री में कार्यरत हैं, आपका पद क्या है, आप किस शहर में हैं, और किस तरह का काम कर रहे हैं-ये सभी पहलू आपके ड्रेसिंग के तरीके को तय करने के लिए अहम हैं। वर्कप्लेस में अलग दिखने का सबसे बेहतरीन तरीका अपने व्यक्तिगत स्टाइल को अपने सेक्टर की ड्रेसिंग स्टाइल से मैच करना है। आपका लुक आपके वर्किंग फील्ड के साथ ही आपके व्यक्त्वि का भी आईना होना चाहिए।

गलतियों से बचें

काम और आपके बीच कोई भी ध्यान भटकाने वाली चीज नहीं आनी चाहिए। कल्पना कीजिए एक ऐसी ट्रेनर की जो ट्रेनिंग देते समय बार-बार अपनी गिरती हुई लट कान के पीछे टक कर रही हो। या एक ऐसे फाइनेंस प्रोफेशनल की जिसके जूते वॉक करते समय आवाज कर रहे हों। या एक ऐसे कैशियर की जिसका नियॉन कलर्ड नेलपेंट करंसी नोट्स गिनते वक्त सबका ध्यान बांट रहा हो। इस तरह की गलतियां आपकी लापरवाह छवि बना सकती हैं।

उचित ग्रूमिंग भी जरूरी

अगर कोई व्यक्ति कॉरपोरेट ड्रेसिंग एटिकेट्स का शत-प्रतिशत पालन करता है, लेकिन ग्रूमिंग को लेकर सजग नहीं रहता तो उसकी सारी मेहनत बेकार हो जाएगी। इसलिए इसे ध्यान में रखना भी बेहद जरूरी है। इस संदर्भ में की गई छोटी-छोटी गलतियां भी आपका इंप्रेशन ख्ाराब कर सकती हैं। उदाहरण के तौर पर चैप्ड नेलपेंट दूसरों के लिए 'टर्न ऑफ साबित हो सकता है। मीटिंग में अपनी बात रखते समय सीनियर से आइ कॉन्टैक्ट न रखना आत्मविश्वास की कमी को जाहिर करता है। इससे हमेशा बचना चाहिए।

अगर इन सभी बातों को गांठ बांध लिया जाए तो कॉरपोरेट जगत में 'मिसफिट साबित होने के डर से निजात पाई जा सकती है।

मस्ट हैव्स

1.डिओ

शरीर से पसीना आना एक सामान्य प्रक्रिया है और वर्कप्लेस में इसकी दुर्गंध छुपाने के लिए डिओ का प्रयोग न सिर्फ लाजिमी बल्कि महत्वपूर्ण भी है। इसका चयन आपके काम और व्यक्तिगत पसंद के अनुसार करें।

2.माउथ फ्रेशनर

अकसर लोगों को लगता है कि दिन में दो बार ब्रश करके और माउथवॉश का इस्तेमाल करके वे फ्रेश ब्रेथ कायम रख सकते हैं। लेकिन असल में यह हमेशा संभव नहीं होता। इसकी मुख्य वजह यह है कि इंडियन फूड में लहसुन-प्याज का काफी इस्तेमाल होता है। ऐसे में लंच के बाद माउथ फ्रेशनर का सेवन फायदेमंद रहता है।

3.लिप बाम

मौसम की विषमताओं का असर होठों पर साफ नजर आता है, लेकिन वर्कप्लेस में फटे होंठ एक प्रमुख टर्न ऑफ हैं। ऐसे में दिन में 2-3 बार लिप बाम का इस्तेमाल करना ठीक रहता है।

5 सवाल

ऑफिस की पार्टियों में ड्रेसिंग सेंस की बदौलत वाहवाही लूटी जा सकती है। पर ऐसा करने से पहले ख्ाुद से ये सवाल पूछें।

- मौका क्या है?

- मेहमानों में किस तरह की जेंट्री शामिल होगी?

- पार्टी का वेन्यू क्या है?

- आप कम्यूट कैसे करेंगे?

- आप किस तरह के कपडों में कंफर्टेबल महसूस करते हैं?

प्रस्तुति: ज्योति द्विवेदी


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