कंटेंपरेरी हुआ गोटा
भारतीय परिधानों में प्रमुख रूप से इस्तेमाल होने वाले गोटे पर आधारित कलेक्शन लॉन्च करना डिजाइनर जैंजुम गाडी का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट था। जैंजुम ने इस कलेक्शन के सृजन की कहानी सखी से साझा की।
भारतीय परिधानों में गोटे का अपना महत्व और आकर्षण है। इसी आकर्षण के प्रभाव में आकर मैंने साल 2013 के विल्स इंडिया फैशन वीक से कुछ माह पहले तय किया कि मेरा कलेक्शन गोटे के प्रयोग पर आधारित होगा। मैंने अपने इस कलेक्शन में गोटे का इस्तेमाल सिर्फदुपट्टे के बॉर्डर और लहंगे की कारीगरी तक ही सीमित नहीं रखा। ट्राउजर, गाउन और शर्ट जैसे कंटेंपरेरी परिधानों में भी गोटे का इस्तेमाल किया। इस कलेक्शन में मैंने गोटे के साथ भारतीय एंब्रायडरी को भी कंटेंपरेरी अंदाज में पेश किया। उदाहरण के तौर पर सामान्य फ्लोरल मोटिफ की जगह मैंने गोटे के साथ ज्यमेट्रिकल मोटिफ्स का वर्क किया। इस तरह कलेक्शन एन ओड टु गोटा का सृजन हुआ जिससे गोटावर्क को एक नया अंदाज मिला।
सखी प्रतिनिधि