किसी रेस का हिस्सा नहीं
ऐक्टर अनिल कपूर की बेटी सोनम कपूर ने खुद को एक बेहतरीन अदाकारा के तौर पर स्थापित किया है। स्वभाव से चुलबुली और चंचल सोनम ने बायोपिक 'नीरजा में बहादुर एयर होस्टेस नीरजा का किरदार बखूबी निभाकर खूब तारीफें बटोरीं।
By Edited By: Published: Mon, 07 Nov 2016 11:17 AM (IST)Updated: Mon, 07 Nov 2016 11:17 AM (IST)
डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर फिल्म 'ब्लैक' से बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखने वाली सोनम कपूर का करियर ग्राफ काफी ऊपर उठ चुका है। 2007 में फिल्म 'सांवरिया' से डेब्यू करने वाली यह ऐक्ट्रेस अपने बेहतरीन फैशन सेंस के कारण भी अकसर चर्चा में रहती हैं। राह थी कठिन बॉलीवुड इंडस्ट्री में आने से पहले सोनम अपने लुक्स को लेकर ज्यादा संजीदा नहीं थीं। वह बताती हैं, 'जब मैं फिल्म 'ब्लैक' में निर्देशक संजय लीला भंसाली को असिस्ट कर रही थी, तब उन्होंने मुझे 'सांवरिया' में मुख्य भूमिका ऑफर की थी। तब मेरा वजन बहुत ज्यादा था और मुझे उसे कम करने की सलाह दी गई थी। लगभग 2 सालों में मैंने खुद को उस किरदार के लिए तैयार कर लिया था।' करियर की शुरुआत में उन्हें काफी आलोचनाओं का शिकार होना पडा था। सफलता की कहानी फिल्म 'रांझणा' उनके करियर के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुई और उसने कुछ हद तक उनके आलोचकों को शांत भी कर दिया। फिल्म 'नीरजा' में उन्होंने दिवंगत बहादुर एयर होस्टेस नीरजा भनोट के किरदार को बखूबी निभाकर दर्शकों के दिलों में अपनी जगह सुनिश्चित कर ली। आने वाले कुछ समय में उन्हें 'बैटल फॉर बिटोरा' और 'वीरे दी वेडिंग' में देखा जा सकेगा। इंडस्ट्री की टॉप पेड ऐक्ट्रेसेज में उनका नाम भी शामिल है। परिवार है ताकत वे अपने पिता अनिल कपूर की ऐक्टिंग स्किल्स से बहुत प्रभावित हैं। अनिल को भी अकसर उनकी तारीफें करते देखा जा सकता है। वे अपनी बेटी के साथ स्क्रीन शेयर करने के लिए एक अदद किरदार का इंतजार कर रहे हैं। सोनम अपने पिता के साथ ही मां सुनीता के भी काफी करीब हैं। सोनम अपनी बहन रिया के साथ मिलकर क्लोदिंग लाइन लॉन्च करना चाहती हैं। भाई हर्षवर्धन के लिए सोनम काफी पजेसिव रहती हैं। वे अकसर उनके करियर व निजी जिंदगी पर नजर रखती हैं व उन्हें सही-गलत के बीच का फर्क समझाती रहती हैं। महत्वाकांक्षा है जरूरी सोनम मानती हैं कि सफलता हासिल करने के लिए महत्वाकांक्षी होना जरूरी है। 21 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत करने वाली इस ऐक्ट्रेस को अकसर सुनना पडा कि वह तो पैदा ही चांदी के चम्मच के साथ हुई थीं। वे कहती हैं, 'यह सही है कि बचपन से ही मेरी हर सुख-सुविधा का खयाल रखा गया पर मैं आज जो कुछ भी हूं, वह अपनी मेहनत और टैलेंट के दम पर हूं। मैंने अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित कर रखे हैं और मैं किसी रेस का हिस्सा नहीं हूं।' सखी फीचर्स
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