मुंबई ने खींच लिया: पूजा गुप्ता
मॉडलिंग की दुनिया से बॉलीवुड में अब तक कई अभिनेत्रियों ने हसीन सफर तय किया है। इसी कड़ी में दिल्ली की मॉडल पूजा गुप्ता का भी नाम जुड़ चुका है। 2007 में मिस इंडिया यूनिवर्स का खिताब जीतने के बाद उन्होंने मैक्सिको में हुई मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भी नौवां स्थान पाया। फिल्मों में काम करने के बारे में उन्होंने कभी सोचा नहीं, फिर कैसे तय किया यह सफर सखी के साथ जानें।
पूरा किया पापा का सपना
पूजा कहती हैं कि मां नहीं चाहती थी कि मैं मॉडलिंग में जाऊं, लेकिन पापा शुरू से ही सपोर्ट करते थे। खाने की टेबल पर मैं अकसर पापा से मिस इंडिया बनने की बात किया करती थी। मां को इस बारे में पता नहीं चलता था। वह मुझे साइकोलॉजी पढाना चाहती थीं। मां और मेरे मॉडलिंग के सपने के बीच हर बार पापा आ जाते थे। जब मैं सोलह साल की थी तो पापा नहीं रहे। यह मेरे लिए सेटबैक था। मैं, मेरा परिवार और मेरे सपने सब बिखर गए। पापा के जाने के बाद मुझे मां के नियमों और अनुशासनों की अहमियत समझ में आई। उन्होंने मुझ पर कडाई बरती और आगे की पढाई के लिए अमेरिका भेज दिया।
मिस इंडिया से मुंबई का सफर
मैं न्यूयॉर्क फिल्म स्कूल में पढ रही थी और वहीं से मैंने अपनी एंट्री मिस इंडिया प्रतियोगिता के लिए मुंबई भेजी थी। मुझे उम्मीद नहीं थी, इस कारण मैंने कोई तैयारी भी नहीं की। फिर एक दिन बुलावा आ गया। मैंने मां से बात की तो उनका डरना स्वाभाविक था। कोई भी मां अकेली लडकी को पढने के लिए अमेरिका तो भेज सकती है, लेकिन मॉडलिंग के लिए दस बार सोचेगी। उन्होंने मेरे निर्णय को बदलने की काफी कोशिश की, लेकिन मेरे लिए मॉडलिंग पापा के सपने को पूरा करने वाली बात हो गई थी। आप यकीन नहीं करेंगे कि मुझे एक अंजान शहर जाने में भी कोई दिक्कत नहीं हुई। दिल्ली अपनी थी और अमेरिका में दिल्ली के कई दोस्त थे, लेकिन मुंबई ने एकदम से अपनी ओर खींच लिया मुझे।
बदल गई जिंदगी
कई बार जीवन में ऐसे पल आते हैं, जिनका आप डटकर सामना कर लें तो आपका जीवन बदल जाता है। मिस इंडिया के मंच पर फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर ने मुझसे एक सवाल पूछा कि फैशन और स्टाइल में क्या अंतर है? मैंने जवाब दिया कि स्टाइल से फैशन बनता है और फैशन वो है जो आपकी स्किन को सूट करे। यही एक लाइन आई थी दिमाग में जो बोल दी और वह खडे होकर तालियां बजा रहे थे। कुछ ही देर बाद मैं मिस इंडिया बन गई थी। जब मैं फिल्मों में आई तो मेरा पहला सामना वाशु भगनानी के साथ हुआ। इतना बडा प्रोड्यूसर मेरे सामने बैठा था और मेरा ऑडिशन लिया जा रहा था। लंबे ऑडिशन के बाद निर्देशक रेमो फर्नाडिस ने बताया कि आप अब फिल्म फालतू की लीड अभिनेत्री हैं। उस दिन के बाद से मां की टेंशन थोडी कम हो गई है। फालतू रिलीज होने के साथ मेरा फिल्मों में आने का सपना भी पूरा हुआ। मैं सैफ अली खान के साथ अपनी अगली फिल्म गो गोवा गॉन की शूटिंग शुरू करने जा रही हूं। इससे पहले मैं नील नितिन मुकेश की फिल्म शॉर्टकट रोमियो में काम कर चुकी हूं, जो जल्द ही रिलीज होने वाली है।