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जिसने बदला नज़रिया

जाने तू या जाने न से चर्चा में आईं अभिनेत्री मंजरी फडणीस की पढऩे में काफी रुचि है। व्यस्त दिनचर्या होने के बावज़ूद वे विभिन्न तरह की किताबें पढऩे के लिए समय ज़रूर निकालती हैं।

By Edited By: Published: Tue, 14 Mar 2017 04:46 PM (IST)Updated: Tue, 14 Mar 2017 04:46 PM (IST)
जिसने बदला नज़रिया

जाने तू या जाने न से चर्चा में आईं अभिनेत्री मंजरी फडणीस की पढऩे में काफी रुचि है। व्यस्त दिनचर्या होने के बावजूद वे विभिन्न तरह की किताबें पढऩे के लिए समय जरूर निकालती हैं। उनकी पसंदीदा लेखिका रॉन्डा बर्न हैं, जिनकी कई किताबें वे पढ चुकी हैं।

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कहते हैं कि किताबें किसी की भी जिंदगी को बदलने का माद्दा रखती हैं। अभिनेत्री मंजरी फडणीस को पढऩे का काफी शौक है। खास बात यह है कि वे उन्हें सिर्फ पढती ही नहीं हैं, बल्कि उन किताबों में छिपे संदेशों को अपने जीवन में उतार पाने की कोशिश भी करती हैं। यहां हम जिक्र करेंगे उनकी पसंदीदा किताब 'द मैजिक का, जो हिंदी संस्करण में 'जादू शीर्षक के नाम से उपलब्ध है।

1 सच्ची दोस्त हैं किताबें : मेरा मानना है कि किताबों से दोस्ती कर जीवन में कुछ भी हासिल किया जा सकता है। अब किताबें डिजिटल प्रारूप में भी उपलब्ध हैं मगर उनमें पन्नों की वह खुशबू नहीं होती है, जिनसे आप उनसे खास जुडाव महसूस कर सकें।

2 प्रेरित करतीं किताबें : कुछ किताबें जिंदगी बदल देती हैं, उन्हें पढकर हमारे पूरे व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव आने लगता है। रॉन्डा बर्न मेरी पसंदीदा लेखिका हैं। उनकी किताबों में किसी को भी प्रेरित करने की क्षमता होती है। मैंने उनकी लिखी सभी किताबें पढी हैं, जिनमें से 'मेनी लाइव्स, मेनी मास्टर्स और 'द मैजिक ने मेरी जिंदगी को बहुत प्रभावित किया है।

3 समझें चीजों का मोल : मैं हर रीडर को 'द मैजिक पढऩे के लिए प्रोत्साहित करूंगी। इसके सामान्य से कॉन्सेप्ट ने जीवन के प्रति मेरा नजरिया बदल दिया है। हम अपनी सीमित दुनिया के इतने आदी हो चुके हैं कि कई बार बिना सोचे-समझे चीजों को फॉर ग्रांटेड लेने लगते हैं, जो कि गलत है।

4 व्यक्त करें आभार : हमें हर उस चीज और व्यक्ति के प्रति आभारी होना चाहिए, जो हमारे पास और साथ है। हमारे लिए उन चीजों का भले ही कोई खास मोल न हो पर हो सकता है कि दूसरों की जिंदगी का मकसद ही सिर्फ उसे पाना हो।

5 जिंदगी को कहें शुक्रिया : कुछ लोग हर तरह की सुख-सुविधाएं होने के बावजूद उनके न होने का रोना रोते हैं। इसके बजाय उन्हें आभारी होना चाहिए कि वे कम से कम हर जरूरी बिल का भुगतान तो कर सकते हैं, जो बहुत लोग नहीं कर पाते। कुछ लोग जिंदगी की आम जरूरतों को पूरा करने से पहले भी दस बार सोचते हैं, वहीं हम जब और जो चाहें, खरीद सकते हैं। शिकायतें करने के बजाय जिंदगी की हर छोटी-बडी खुशी के प्रति शुक्रगुजार होकर उसे एंजॉय करना चाहिए। यह किताब ऐसे लोगों के लिए लाइफ चेंजर बन सकती है, जो लाइफ को सिर्फ कंप्लेन करते रहने में गुजार देते हैं

किताब के बारे में द मैजिक : अंतरराष्ट्रीय बेस्टसेलर 'द मैजिक को उसके शीर्षक की तरह एक जादुई किताब माना जाता है। यह पाठक को 2000 वर्ष पहले की दुनिया में ले जाती है, जहां एक अमूल्य ज्ञान को आम इंसान की नजरों से छिपा कर रखा गया था। कुछ समय बीतने के साथ लोगों को वह ज्ञान तो मिल गया पर उन्होंने अपने हिसाब से उसका मतलब निकाल लिया, जिससे उनके काम बन सकें। यह किताब लोगों को उस ज्ञान के सच्चे मतलब से वाकिफ करवाएगी। 'द मैजिक या 'जादू पाठकों को 20 दिनों की ट्रिप पर ले जाएगी, जो उन्हें एक बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगी। हर दिन पाठक से एक ऐसी एक्सरसाइज करवाई जाएगी, जिससे वह जीवन के प्रति आभारी होता जाएगा। इस किताब का बस यही मकसद है कि इसे पढऩे वाला हर व्यक्ति यह समझ सके कि आभार व्यक्त करना कितना जरूरी होता है और वह किस तरह से उनके पूरे जीवन को बदल सकता है।


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