Move to Jagran APP

लघुकथा: भगवान का वास कहां है

भगवान के विचारों का आदर करते-करते देवताओं ने अपने-अपने विचार प्रकट किये। गणेश जी बोले आप हिमालय की चोटी पर चले जाएं। तो भगवान ने कहा वह स्थान तो मनुष्य की पहुँच में है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 30 Dec 2016 03:12 PM (IST)Updated: Fri, 30 Dec 2016 03:15 PM (IST)
लघुकथा: भगवान का वास कहां है

एक बार भगवान भी बड़ी दुविधा में फंस गये क्योंकि लोगों की बढ़ती आस्था और साधना वृति से वो प्रसन्न तो थे लेकिन फिर भी उन्हें उच्च व्यावहरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि जब भी कोई दुखी होता या मुश्किल में होता वो भगवान के पास भागा-भागा आता और उन्हें अपनी परेशानिया दूर करने को कहता। उनके कुछ न कुछ मांगने की समस्या से दुखी और परेशान होकर उन्होंने इस समस्या के निराकरण के लिए सभी देवताओं की बैठक बुलाई और उनसे इस सम्बन्ध में अपनी राय मांगी। भगवान बोले कि मनुष्य की हमेशा कुछ न कुछ मांगने की आदत से मैं दुखी हो गया हूँ और मैं मनुष्य की रचना करके कष्ट में पड़ गया हूँ अब न तो मैं कंही शांतिपूर्वक रह सकता हूँ और न ही कंही बैठकर ध्यान लगा सकता हूँ। आप लोग कोई ऐसा स्थान बताएं जहां मनुष्य कभी न पहुँच पायें।

prime article banner

भगवान के विचारों का आदर करते-करते देवताओं ने अपने-अपने विचार प्रकट किये। गणेश जी बोले आप हिमालय की चोटी पर चले जाएं। तो भगवान ने कहा वह स्थान तो मनुष्य की पहुँच में है। उसे वहां पहुँचने में अधिक समय नहीं लगेगा । इंद्र ने सलाह दी कि किसी महासागर में चले जाएँ। इस पर वरुण देव ने ये सलाह दी कि आप अन्तरिक्ष में चले जाएं। भगवान ने कहा एक दिन मनुष्य वहां भी पहुँच जायेगा ।

भगवान निराश होने लगे अंत में सूर्यदेव ने कहा भगवान् आप एक काम करें आप मनुष्य के हृदय में बैठ जाएँ इससे मनुष्य हमेशा आपको बाहर ही तलाश करता रहेगा पर यहां अपने हृदय में कभी न तलाश करेगा और कुछ ही योग्य लोग होंगे जो आप तक पहुँच पाएंगे इससे आपको कोई परेशानी भी नहीं होगी। सूर्यदेव की बात भगवान को पसंद आई और भगवान उसी दिन मनुष्य के हृदय में बैठ गये उस दिन के बाद से मनुष्य हर बाहरी जगह में भगवान को तलाश कर रहा है लेकिन अपने हृदय में बैठे भगवान को नहीं देख पा रहा है जो उसके भीतर है।

साभार:


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.