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Rajasthan: 100 से ज्यादा बाघों वाला राजस्थान देश का नौवां राज्य

Rajasthan राजस्थान में बाघों की संख्या 103 है। पिछले दिनों रणथंभौर में बाघिन टी-111 द्वारा चार शावकों को जन्म दिया है। चार नए मेहमान आने के बाद वन विभाग ने बाघों की सुरक्षा व संरक्षण को लेकर विशेष कार्य योजना बनाई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 09:18 PM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 09:18 PM (IST)
Rajasthan: 100 से ज्यादा बाघों वाला राजस्थान देश का नौवां राज्य
100 से ज्यादा बाघों वाला राजस्थान देश का नौवां राज्य। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में बाघों की संख्या बढ़ने लगी है। इसी का परिणाम है कि 100 से ज्यादा बाघों वाला यह देश का नौवां राज्य बन गया। राज्य में बाघों की संख्या 103 है। पिछले दिनों रणथंभौर में बाघिन टी-111 द्वारा चार शावकों को जन्म दिया है। चार नए मेहमान आने के बाद वन विभाग ने बाघों की सुरक्षा व संरक्षण को लेकर विशेष कार्य योजना बनाई है। अब जंगल में अतिरिक्त कैमरे लगाने के साथ ही वनकर्मियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। अधिकारी नियमित रूप से दौरे करेंगे। वन विभाग इस बात से उत्साहित है कि पिछले तीन साल में राज्य में 33 बाघ बढ़े हैं। वर्तमान में सबसे ज्यादा 71 बाघ रणथंभौर में हैं। इनमें 51 बाघ-बाघिन और 18 शावक हैं।

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इसी तरह 16 बाघ-बाघिन सरिस्का में है। यहां शावकों की संख्या सात है। करीब एक दशक पहले शिकार के कारण सरिस्का बाघ विहीन हो चुका था, लेकिन पिछले चार साल में सरिस्का में फिर से बाघ सहित अन्य वन्यजीवों को रणथंभौर से लाकर बसाया गया है। केवलादेव-धौलपुर में आठ और रामगढ़-मुकंदरा में दो बाघ हैं। केवलादेव-धौलपुर रणथंभौर अभयारण्य का ही हिस्सा है। हाल ही में नेशनल टाइगर कंजरर्वेशन अथॉरिटी ने बूंदी के रामगढ़ अभयारण्य को राज्य के चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में मान्यता दी है। नए टाइगर रिजर्व में रणथंभौर से बाघ लाकर छोड़ने की योजना है। मुकंदरा में 500 चीतल छोड़ने का भी विचार है। देश में सबसे ज्यादा 526 बाघ-बाघिन मध्य प्रदेश में हैं। इसके बाद 424 कर्नाटक व उत्तराखंड में 442 और उत्तर प्रदेश इनकी संख्या 173 है।

लोक सभा अध्यक्ष बोले बेहतर ढंग से विकसित करेंगे

कोटा-बूंदी के सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से बूंदी के रामगढ़ को राज्य के चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में मान्यता मिली है। बिरला का कहना है कि देश में हाड़ौती ही ऐसा स्थान है, जहां पर्यटकों को जल और जंगल दोनों की सफारी करने का मौका मिलेगा। यहां जल और जंगल की सफारी होगी। एक तरफ जहां चंबल की सफारी पर्यटकों की आकर्षित करेगी,वहीं नए टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों को देख सकेंगे। 


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