Rajasthan: महिला आइएएस अधिकारियों पर टिप्पणी के आरोप में कांग्रेस नेता व वकील राजेश टंडन को नोटिस
Congress Leader Rajesh Tandan. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेश टंडन पर महिला आइएएस अफसर पर अपमानजनक पोस्ट डालने का आरोप है।
अजमेर, संवाद सूत्र। Congress Leader Rajesh Tandan. सोशल मीडिया पर महिला आइएएस अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट डालने के आरोप से घिरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेश टंडन को आखिर नोटिस जारी कर दिया है। इस नोटिस में टंडन को जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
टंडन पर एक महिला आइएएस अधिकारी के विरुद्ध अश्लील और अपमानजनक पोस्ट डालने का आरोप है। टंडन ने अपनी पोस्ट में महिला आइएएस का नाम नहीं लिखा था, इसलिए अजमेर में तैनात चार आइएएस महिला अधिकारियों ने टंडन के विरुद्ध अलग-अलग थानों में एफआइआर दर्ज करवाई। यह मामला चार महिला आइएएस अधिकारियों से जुड़ा है, इसलिए पुलिस विभाग में उच्च स्तर पर निगरानी हो रही है। राज्य के पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र यादव भी मामले की लगातार जानकारी ले रहे हैं। यह मामला सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के नेता से जुड़ा है इसलिए पुलिस भी पर्याप्त सबूत जुटाने में लगी हुई है।
शिकायतकर्ता आइएएस महिला अधिकारियों के बयान धारा 164 में मजिस्ट्रेट के समक्ष होने के बाद जांच अधिकार ने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से सुबूत जुटाए हैं, ताकि यह पुख्ता किया जा सके कि महिला का अपमान करने वाली पोस्ट राजेश टंडन ने ही डाली है। इसके लिए जांच अधिकारी ने वॉट्सएप ग्रुप के एडमिन तथा सदस्यों के बयान भी दर्ज किए हैं। नगर निगम में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले भाजपा के पार्षद चंद्रेश सांखला ने अपने बयानों में इस बात की पुष्टि की है कि अपमानजनक पोस्ट टंडन ने ही डाली थी। सांखला भी उन वॉट्सएप ग्रुप से जुड़े हैं, जिनमें टंडन अपनी पोस्ट नियमित डालते हैं।
जांच जल्द पूरी होगी: एसपी
अजमेर के पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप सिंह ने कहा कि यह मामला बहुत संवेदनशील है। मामले की जांच निष्पक्ष और पारदर्शी हो, इसलिए सभी दृष्टिकोण से जांच का काम जारी है। पुलिस बगैर किसी दबाव के काम कर रही है। हम जल्द से जल्द जांच के काम को पूरा करना चाहते हैं। एसपी ने कहा कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए ही राजेश टंडन को नोटिस देकर बुलाया गया है, ताकि आरोपों के संदर्भ में वह भी अपना पक्ष रख सकें। सुबूतों के आधार पर ही पुलिस अपना निष्कर्ष न्यायालय में प्रस्तुत करेगी।