Move to Jagran APP

Lockdown: कोरोना पीड़ितों की मदद के नाम पर साइबर ठगी, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

Coronavirus. कोरोना वायरस संक्रमण के पीड़ितों की मदद के नाम पर साइबर ठगी का नए तरीके सामने आ रहे हैं। राजस्थान पुलिस ने इसे देखते हुए एक एडवाइजरी भी जारी की है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 11 Apr 2020 07:04 PM (IST)Updated: Sat, 11 Apr 2020 07:04 PM (IST)
Lockdown: कोरोना पीड़ितों की मदद के नाम पर साइबर ठगी, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
Lockdown: कोरोना पीड़ितों की मदद के नाम पर साइबर ठगी, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

जयपुर, राज्य ब्यूरो। Coronavirus. देशव्यापी लाॅकडाउन के कारण देश भले ही घरों में कैद है, लेकिन ठगों के लिए साइबरस्पेस खुला है और कोरोना वायरस संक्रमण के पीड़ितों की मदद के नाम पर साइबर ठगी का नए तरीके सामने आ रहे हैं। राजस्थान पुलिस ने इसे देखते हुए एक एडवाइजरी भी जारी की है।

loksabha election banner

कोरोना पीड़ितों की सहायता के लिए सरकारी कोष में राशि जमा कराने की सूचनाएं सामने आने के बाद साइबर ठगों को ठगी का नया रास्ता मिल गया है। साइबर ठग कोरोना वायरस पीड़ितों की सहायता के नाम पर फर्जी मैसेज भेज रहे है और लिंक खोलते ही पैसे निकल रहे हैं। राजस्थान में 200 से ज्यादा शिकायतें इन मामलों को लेकर दर्ज हो चुकी है।

ऐसे होती है ठगी

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि पीएम रिलीफ फंड और सीएम रिलीफ फंड के नाम पर साइबर ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं। इसके अलावा खातों से कटने वाली मासिक किश्त भी ठगी का नया तरीका बनी है। बैंकों की ओर से कर्ज की किश्त चुकाने के लिए जो राहत दी जा रही है, उसे लेकर कई तरह के फर्जी मैसेज लोगों तक पहुंच रहे है। राजस्थान में पुलिस के स्पेशल

ऑरेशन ग्रुप ने इसे लेकर एक एडवाइजरी भी जारी की है। एसओजी के अधिकारियों का कहना है कि इएमआइ की कटौती अधिकतर ग्राहकों के खातों से ही होती है। ऐसे में अब साइबर ठग बैंक से मिलते-जुलते नामों के लिंक भेज कर ग्राहकों के खाते साफ करने की कोशिश में है। बैंक ग्राहक किसी भी तरह का लिंक नहीं खोलें और किसी को भी ओटीपी या अन्य जानकारी साझा नहीं करें।

इस तरह के मामले सामने आए

बैंक कर्ज की किश्त की माफी के नाम पर काफी शिकायतें पुलिस के पास आई है। साइबर ठग बैंक प्रतिनिधि बनकर लोगों को फोन इएमआइ माफ किए जाने की सूचना देते हैं और इसके लिए ओटीपी मांगते है। इसी तरह पीएम केयर्स फंड के नाम पर भी ठगी हो रही है। इसमें यूपीआइ एड्रेस में मामूली बदलाव करके नया यूपीआइ बनाया जाता है और नाम की पूरी जानकाी नहीं होने के कारण लोग शिकार हो जाते है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को भी ठगा जा रहा है। आयकर विभाग की ओर से फर्जी मैसेज बना कर भेजा कर कहा जाता है कि अपनी जानकारी यहां दीजिए। कोरोना पीड़ितों के लिए जो वेतन काटा गया है, उस पर आयकर में छूट मिलेगी।

राजस्थान की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.