VIDEO: तिरंगे को सीने से लगाए पत्नी और भाई ने दी शहीद की पार्थिव देह को मुखाग्नि
कमांडिंग अफसर कर्नल आशुतोष शर्मा का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार तिरंगे को सीने से लगाए पत्नी और भाई ने दी शहीद की पार्थिव देह को मुखाग्नि
जयपुर,राज्य ब्यूरो। कश्मीर के हंदवाडा में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए कर्नल आशुतोष शर्मा की पार्थिव देह मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गई। जयपुर में उन्हें पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। भारत माता की जय के नारों और सेना के हवाई फायर की सलामी के बीच शहीद के भाई पीयूष शर्मा और पत्नी पल्लवी शर्मा ने कर्नल आशुतोष की पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के समय उनकी बेटी तमन्ना भी मौजूद रही।
शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा वैसे तो उत्तर प्रदेश में बुलंदशह के रहने वाले है, लेकिन उनका परिवार पिछले 15 वर्ष से जयपुर में रहता है। इसी के चलते उनकी पार्थिव देह सोमवार को जयपुर लाई गई थी। इसे सेना अस्पताल में रखा गया था। मंगलवार सुबह जयपुर में सैन्य क्षेत्र स्थित 61 कैवलरी आर्मी पोलो ग्राउंड में उनकी पार्थिव देह लाई गई।
यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड, और सेना तथा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकरियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद कर्नल को श्रद्धांजली दी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यहां पहुंच कर परिजनों से बात की और कर्नल की माताजी के चरण छू कर आशीर्वाद लिया और ढांढस बंधाया।
तिरंगा सम्भलवाया तो भावुक हो गई पत्नी, लेकिन चेहरे पर था गर्व
बाद में कर्नल आशुतोष की पार्थिक देह को मोक्षधाम ले जाया गया। यहां अंतिम संस्कार से पहले जब सेना के अधिकारियों ने कर्नल शर्मा की देह से पार्थिव देह से तिरंगा हटा कर उनक पत्नी पल्लवी शर्मा को सम्भलवाया तो वे काफी भावुक हो गई और बाद में पूरे समय उन्होंने तिरंगे को सीने लगाए रखा। मोक्षधाम में उनकी बेटी तमन्ना और अन्य परिजन तथा सेना के जवान भी मौजूद थे।
भारत माता की जय और कर्नल आशुतोष अमर रहे के नारों के साथ सेना के जवानों ने हवाई फायर कर उन्हें अंतिम सलामी दी और कर्नल के भाई पीयूष शर्मा ने मुखाग्नि दी। इस दौरान पत्नी पल्लवी शर्मा भी उनके साथ रहीं। पल्लवी का कहना था कि उनके पति टाइगर की तरह रहे और टाइगर की तरह ही विदा हुए। उन्होंने देश के प्रति जिम्मेदारी निभाई। ऐसे में उनके जाने पर दुख व्यक्त करने का हमें कोई अधिकार नहीं है।
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा एनकाउंटर में शहीद हुए सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के कमांडिंग अफसर कर्नल आशुतोष शर्मा को मंगलवार सुबह आर्मी कैंपस में श्रद्धांजलि दी गई । हंदवाडा मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नल आशुतोष शर्मा को आज जयपुर में अंतिम विदाई दी गयी। इस मौके पर उनके परिजन और दोस्त भी मौजूद थे। आर्मी बैंड ने भी कर्नल शर्मा को श्रद्धांजलि दी।
#WATCH Wreath laying ceremony of Col. Ashutosh Sharma at Jaipur Military Station. He was the commanding officer of the 21 Rashtriya Rifles unit. He lost his life in action during Handwara encounter in Jammu and Kashmir#Rajasthan pic.twitter.com/kym8grYCEx
— ANI (@ANI) May 5, 2020
जम्मू कश्मीर के हंदवाडा के आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नल आशुतोष शर्मा की पार्थिव देह सोमवार को जयपुर पहुंची और आज उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इससे पहले सुबह उन्हें लोगों ने आखिरी सलाम करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। जयपुर के मिलट्री स्टेशन पर हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में लोगों ने शहीद आशुतोष को अंतिम सलाम किया और श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे।
मूलत बुलंदशहर के रहने वाले आशुतोष शर्मा की मां, बड़े भाई पीयूष शर्मा, पत्नी पल्लवी शर्मा और 12 साल की बेटी तमन्ना जयपुर में ही रहते है। हंदवाडा के इस एनकाउंटर में आशुतोष शर्मा के शहीद होने की खबर रविवार सुबह उनके परिवार को मिली। खबर सुनने के बाद परिवार को एकाएक धक्का तो लगा लेकिन इस परिवार को कर्नल आशुतोष की शहादत पर गर्व है।उनके भाई पीयूष शर्मा का कहना है कि दुख की घड़ी तो है, लेकिन हमें उसके बलिदान पर गर्व है।उसने देश के लिए शहादत की है। सबका नाम ऊंचा किया है। उन्होंने बताया कि कोरोना के इस समय में बुलदंशहर जाना सम्भव नहीं है और पिछले 15 साल से जयपुर में ही रह रहे है, इसलिए यही अंत्येष्टी करेंगे।
उन्होने बताया कि एक मई को आखिरी बार उनसे बात हुई थी। उस दिन उनकी रेजिमेंट का स्थापना दिवस था। दोपहर में लंच के समय बात हुई। इसके बाद शाम पांच बजे उनका मैसेज था कि वे बाहर है। उनकी पत्नी पल्लवी शर्मा का कहना है कि सेना की युनिफार्म उनके लिए जुनून थी और उन्होंने जो किया है, वह उनका निर्णय था। ऐसे में हमें कोई हक नहीं बनता कि हम उनके सर्वोच्च बलिदान पर आंसू बहाएं। हमें उनकी शहादत पर गर्व है। पल्लवी शर्मा ने कहा कि हमारी शादी को 16 साल हो गए है, इसलिए कुछ अंदाजा हो ही जाता है। कल रात से ही लग रहा था कि कुछ ठीक नहीं हो रहा है, लेकिन हम सिर्फ खुद को समझा रहे हैं। उनकी मां करीब 80 साल की है। उनका कहना है कि मेरी तो जिंदगी ही आधी रह गई। दो दिन पहले जब फोन पर बात हुई थी तो कहा था कि अब कि बार आउंगा तो हंदवाडा घुमाने के लिए लेकर जाउंगा।
28 अप्रेल को मां के लिए लिख थी एक कविता
पत्नी पल्लवी शर्मा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इसी 28 अप्रेल को उन्होंने मां के लिए एक कविता भी लिखी थी। कविता कुछ यूं थी-
वो अक्सर घर को सम्भालती, संवारती रहती है,मेरी मां मेरे घर आने की राह निहारती रहती है
लौट कर आउंगा मैं भी पंछी की तरह मै भी एक दिन,वो बस इसी उम्मीद में दिन गुजारती रहती है
उससे मिले हुए हो गया पूरा एक साल लेकिन, उसकी बातें में मेरे सरहद पर होने का गुरूर दिखता है।