Move to Jagran APP

हरियाली अमावस्या: उदयपुर में महिलाओं का ये अनूठा मेला बनाएगा वर्ल्ड रिकार्ड

उदयपुरवासी का दावा है कि दुनियां में महिलाओं के लिए इतना बड़ा मेला और कहीं नहीं लगता। मेले में लगभग एक लाख महिलाएं पहुंचती हैं। वर्ल्ड रिकार्ड में आने से इसकी पहचान दुनिया में होगी

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 12:00 PM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 12:00 PM (IST)
हरियाली अमावस्या: उदयपुर में महिलाओं का ये अनूठा मेला बनाएगा वर्ल्ड रिकार्ड
हरियाली अमावस्या: उदयपुर में महिलाओं का ये अनूठा मेला बनाएगा वर्ल्ड रिकार्ड

उदयपुर, सुभाष शर्मा। यूं तो देश में कई तरह के मेले लगते हैं। जिन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान भी है लेकिन ज्यादातर मेले किसी धार्मिक मान्यताओं से जुड़े हैं लेकिन उदयपुर में हरियाली अमावस्या को जोड़ने वाला मेला इनसे अलग है। सामाजिक समरसता से जुड़े इस मेले देश के सबसे अनूठा और विशिष्ट है। पिछले 121 सालों से आयोजित इस मेले का दूसरा दिन केवल सखियों के लिए रिजर्व है और इसीलिए इस साल यह मेला वर्ल्ड रिकार्ड बना सकता है।

prime article banner

उदयपुर नगर निगम ने गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम को न्यौता देते हुए दावा जताया है कि दुनिया में इससे बड़ा महिलाओं का मेला और कहीं नहीं लगता। माना जा रहा है कि इस बार आयोजित मेले में एक लाख से अधिक लोग आएंगे। इसके लिए नगर निगम ने पूरी तैयारी कर ली है। मानसून की बेरुखी के बावजूद फतहसागर तथा सहेलियों की बाड़ी क्षेत्र में मेले के व्यापक इंतजाम किए गए हं। जहां मनोरंजन के विभिन्न साधन लगाए गए हैं।

महिलाओं के लिए श्रृंगार और घरेलु सामान के कई स्टाल लगाए गए हैं। साथ ही बच्चों के खिलौनों के लिए कई स्टालें लगी है। मेला स्थल फतहसागर पाल व सहेलियों की बाड़ी रोड पर साफ-सफाई व विद्युत व्यवस्था आदि की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। फतहसागर के देवाली वाले छोर एवं फतहसागर के किनारे स्टॉलें लगनी शुरू हो गई है। फतहसागर पाल पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मंच बनाया गया है। जहां पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के कलाकार प्रस्तुतियों से मेलार्थियों का मनोरंजन करेंगे।

गुरुवार को पहले दिन सभी के लिए फतहसागर पाल व सहेलियों की बाडी में मेला भरेगा। शुक्रवार को सिर्फ महिलाओं का मेला भरेगा। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा भी महिला अधिकारी एवं महिला कांस्टेबल ही निभाएंगे। मेले में सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन ने फतहसागर पाल व सहेलियों की बाड़ी मार्ग पर टावर बनाए है।

चावड़ी रानी के सवाल पर महाराणा ने दिया था हक
हरियाली अमावस्या मेला मेवाड़ ही नहीं, संभवत: देशभर का एकमात्र ऐसा मेला है, जिसमें एक दिन सिर्फ महिलाओं को ही प्रवेश मिलता है। इतिहासकारों के मुताबिक 1898 में हरियाली अमावस्या के दिन महाराणा फतहसिंह महारानी चावड़ी के साथ फतहसागर झील (इसे तब देवाली तालाब कहा जाता था) पहुंचे तथा छलकते फतहसागर को देखकर वे बहुत प्रसन्न हुए।

उन्होंने पूरे नगर में मुनादी कराते हुए मेले के रूप में यहां पहली बार जश्न मनाया। इसी दौरान चावड़ी रानी ने महाराणा से सिर्फ महिलाओं के मेले को लेकर सवाल किया।

इसके बाद महाराणा ने मेले का दूसरा दिन केवल महिलाओं के लिए आरक्षित करवाने की घोषणा करवा दी। तब से यह परंपरा चली आ रही है। देश की आजादी के बाद से इसका आयोजन स्थानीय प्रशासन करवाता रहा है। इस बार मेले का आयोजन उदयपुर नगर निगम करवा रहा है।

शिव पूजा के उल्लास का प्रतीक है हरियाली अमावस्या
श्रावण मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। श्रावण में शिव आराधना के 15 दिन हो जाने पर मेले के रूप में उल्लास मनाया जाता है। 

इधर, नगर निगम उदयपुर के महापौर चंद्रसिंह कोठारी का कहना है कि यह मेला गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज होगा। उन्होंने वर्ल्ड रिकार्ड की टीम को इस मेले का दावा भेजते हुए न्यौता दिया है ताकि वह इस सत्यता को परख सकें कि यह मेला वास्तव में दुनिया का सबसे बड़ा महिलाओं का मेला है।

महापौर कोठारी ही नहीं, हर उदयपुरवासी का यह दावा है कि दुनियां में महिलाओं के लिए इतना बड़ा मेला और कहीं नहीं लगता। मेले में आसपास ग्रामीण इलाकों से लगभग एक लाख महिलाएं पहुंचती हैं। वर्ल्ड रिकार्ड में इस मेले के आने से इसकी पहचान दुनिया में होगी। 

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.