बायोलॉजीकल पार्क में वन्यजीव भी ठंड से प्रभावित बचाव के लिए लगाए परदे, बिछवाई घास
Wild Life वन्यजीवों के लिए बनाए गए पिंजरों की फर्श पत्थर से बनी है जो ठंडी रहती है। ऐसे में उन्हें बचाने के लिए पिंजरों में घास बिछवाई गई है ताकि वह सुरक्षित एवं स्वस्थ रह पाएं।
उदयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan Weather यहां सज्जनगढ़ बायोलॉजीकल पार्क में वन्यजीव भी ठंड से प्रभावित हैं। आम आदमी जहां अपनी सुरक्षा खुद करने में सक्षम हैं, वहीं यहां बॉयोलॉजीकल पार्क में वन्यजीवों को ठंड से बचाव के लिए उपाय किए गए हैं। वन्यजीवों के लिए बनाए गए पिंजरों को परदों से ढ़का गया है, वहीं उनमें घास बिछवाई गई है। पिछले तीन-चार दिन में ठंड के चलते कुछ वन्यजीवों की तबियत खराब हो गई थी। जिनकी जांच कराई गई हैं। शेर, बाघ और अन्य बड़े वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए भी उपाय किए गए हैं। मौसम के हिसाब से उनकी खुराक का भी बराबर ध्यान रखा जा रहा है।
वन्यजीवों के लिए बनाए गए पिंजरों की फर्श पत्थर से बनी है जो ठंडी रहती है। ऐसे में उन्हें बचाने के लिए पिंजरों में घास बिछवाई गई है ताकि वह सुरक्षित एवं स्वस्थ रह पाएं। साथ ही पिंजरों को परदों से ढ़क दिया गया है। बताया गया पिछले कुछ दिनों से ठंड का असर काफी बढ़ने से वन्यजीवों के बचाव के उपाय किए गए हैं। इससे पहले भी गर्मी और सर्दी में उनके बचाव के उपाय किए जाते रहे हैं। हालांकि पहली बार ठंड के चलते परदे भी लगाए गए हैं।
मुख्य वन संरक्षण बी. प्रवीण का कहना है कि सज्जनगढ़ अभयारण्य क्षेत्र खुला होने तथा पहाड़ी क्षेत्र में होने से यहां शहर के मुकाबले सर्दी का असर ज्यादा रहता है। तेज ठंड में वन्यजीव सुरक्षित रहें, इसके लिए उपाय किए गए हैं। इधर, वन्यजीवों के केयर टेकर रामसिंह का कहना है कि जंगली बिल्ली सहित जो छोटे जानवर हैं उनके पिंजरों में घास बिछाई गई है।
शीतलहर से बचाव के लिए कुछ पिंजरों में परदे लगाए गए हैं। इसके अलावा कुछ वन्यजीवों को दूसरे ऐसे पिंजरों में शिफ्ट कर दिया गया है जो कम ठंडे हैं। बताया गया कि पिछले तीन-चार दिन में ठंड के चलते कुछ वन्यजीवों की तबियत खराब हो गई थी। जिनकी जांच कराई गई हैं। शेर, बाघ और अन्य बड़े वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए भी उपाय किए गए हैं। मौसम के हिसाब से उनकी खुराक का भी बराबर ध्यान रखा जा रहा है।