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West Bengal: वन्यजीवों की सुक्षा के लिए बनने वाली दीवार ही खोखली, सीएम ने दिए कार्रवाई के निर्देश

राजस्थान के सवाईमाधोपुर में रणथंभौर सेंचूरी में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए बनाई गई दीवार ही खोखली निकली। ठेकेदार की सिक्योरीटी जब्त की गईवनकर्मियों को नोटिस दिया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 01:39 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 01:39 PM (IST)
West Bengal: वन्यजीवों की सुक्षा के लिए बनने वाली दीवार ही खोखली, सीएम ने दिए कार्रवाई के निर्देश
West Bengal: वन्यजीवों की सुक्षा के लिए बनने वाली दीवार ही खोखली, सीएम ने दिए कार्रवाई के निर्देश

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के सवाईमाधोपुर में रणथंभौर सेंचूरी में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए बनाई गई दीवार ही खोखली निकली। वन विभाग के अधिकारियों एवं ठेकेदारों की मिलीभगत से सीमेंट व बजरी के बजाय मिट्टी से ही बना दी गई। दीवार बनाने के लिए ना तो नींव खोदी गई और ना ही पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए सीमेंट काम में ली गई। दीवार की ऊंचाई भी 6 फीट की जगह 5 फीट ही कर दी गई, जो कि तय मानदंड़ों के विपरित है।

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वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए बनाई जाने वाली दीवार में फर्जीवाड़ा सामने आया तो दो दिन पहले वन विभाग ने सात लोगों को नोटिस जारी करने के साथ ही ठेकेदार सिक्योरीटी जब्त करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, सेंचूरी में बाघों के गायब होने और शिकारियों के जंगल में प्रवेश की घटनाएं सामने आती रहती हैं, इन्ही को रोकने के लिए सेंचूरी के चारों तरफ पत्थर की मजबूत दीवार बनाने का काम शुरू किया गया था, लेकिन इसमें फर्जीवाड़ा सामने आया है। फर्जीवाड़े की जानकारी कुछ दिनों पूर्व स्थानीय विधायक दानिश अबरार को मिली तो वे खुद मौके पर पहुंचे थे और दीवार की फाउंडेशन खुदवाकर देखी तो पूरी खोखली थी।

विधायक ने कई जगह से दीवार मेजरमेंट लिया, गुणवत्ता जांचने को दीवार को तोड़ा। सभी में तय मानकों के हिसाब से कमी पाई गई। इस पर विधायक ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं वनमंत्री सुखराम विश्नोई से शिकायत की। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा तो जिम्मेदार आधा दर्जन वन्यकर्मियों को नोटिस जारी करने के साथ ही ठेकेदार की सिक्योरीटी जब्त की गई। सेंचूरी इन दिनों मानसून के कारण पर्यटकों के लिए बंद है, ऐसे में अब मजबूत दीवार बनाने को लेकर सरकार ने जिला वन अधिकारी मुकेश सैनी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

बिलों का भुगतान भी कर दिया गया

मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई जांच में सामने आया कि खोखली दीवार बनाने वाले ठेकेदार को बिलों का भुगतान भी कर दिया गया। वन्यजीव विशेषज्ञों का आरोप है कि सबकुछ बड़े अफसरों की देखरेख और शह पर हो रहा था। विधायक ने कहा कि दीवार के ज्यादातर काम एक ही ठेकेदार के पास हैं। बड़े अफसर पहले उसको बगैर क्वालिटी की बात सोचे 30 प्रतिशत बिलों में काम सौंपते हैं, इसके बाद जिस दीवार के ख्वाब बताए जाते हैं, वह काम मौके पर मिलता ही नहीं।विधायक ने कहा कि सेंचूरी में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए बनने वाली दीवार में भ्रष्टाचार हुआ है ।

इस मामले में वनमंत्री सुखराम विश्नोई का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। विधायक दानिश अबरार ने पिछले माह इस विषय पर ध्यान दिलाया था,उसके बाद से विभाग सक्रिय हुआ है। जिम्मेदार लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा। 


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