बिना दुल्हन लिए पाकिस्तान से जैसलमेर पहुंची बारातें, वीजा बिना संभव नही दुल्हन को साथ लाना
राजस्थान से शादी रचाने के लिए पाकिस्तान गई 3 बारातों को शादी संपन्न होने के बाद बगैर दुल्हन के ही वापिस लौटना पड़ा क्याेेंकि तीनों दुल्हनों को भारतीय वीजा मिल नही पाया हैं।
जोधपुर, रंजन दवे। भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद कई परिवार और उनके रिश्तेदार एक दूसरे के देशों में छूट गए, और ये ही वे परिवार है जो कि दोनों देशों के रिश्तों में मिठास भी घोलते हैं। हालांकि समय समय पर दोनों के देशों के बीच बिगड़े हालातों को लेकर इन परिवारों पर भी संकट मंडराता रहता है। ऐसा ही कुछ देखने मिल रहा है।
पुलावामा अटैक के बाद भारत व पाकिस्तान के बीच अभी भी सामान्य संबंध नही है। इसका सीधा असर भी दोनो देशों की रिश्तेदारियों पर पड़ रहा हैं। पाकिस्तान से आ रहे हिन्दू परिवारों को वीजा की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। वीजा नही मिलने के कारण बारातें भी बिना दुल्हनों के लौट रही है। ताजा घटनाक्रम के अनुसार जेसलमेर और बाड़मेर से पाकिस्तान के सिंध प्रांत गयी बारातों को बिना दुल्हन ही वापस लौटना पड़ा।
राजस्थान के जैसलमेर व बाड़मेर से शादी रचाने के लिए पाकिस्तान गई 3 बारातों को शादी संपन्न होने के बाद बगैर दुल्हन के ही वापिस लौटना पड़ा क्याेेंकि तीनों दुल्हनों को आज दिन तक भारतीय वीजा मिल नही पाया हैं। इसमें 2 बारातें जैसलमेर के बईया गांव से नेपाल सिंह व विक्रम सिंह की गई थी व एक बारात बाड़मेर के गिराफ थाना के गंगापुरा गांव से महेंद्र सिंह की गई थी।
पाकिस्तान से आ रहे हिन्दु पाक नागरिकों को वीजा मिलने में कितनी भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा हैं इसका अंदाजा इसी बात से ही लगाया जा सकता है कि बाड़मेर निवासी महेन्द्र सिंह शादी के बाद अभी भी पाकिस्तान में दुल्हन के इंतजार में बैठा हैं। तीनों दुल्हनो को अभी तक वीजा ना मिलने से उनके परिवार जनों और बारातियों , रिस्तेदारो में निराशा है। अब दूल्हों के परिजनों ने इस संबंध में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से मिलकर तीनों दुल्हनों को भारतीय वीजा दिलवाने में मदद करने की गुहार की हैं ,जिससे वह अतिशीघ्र भारत आ सके।