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Rajasthan: अफगानिस्तान से आने वालों की पूरी जांच हो: विहिप

Rajasthan विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार का कहना है कि अफगानिस्तान से भारत आने वाले नागरिकों की जांच के बाद ही देश में प्रवेश दिया जाना चाहिए। उनके मुताबिक अफगानिस्तान में विकट हालात पैदा हो गए हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 08:14 PM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 08:14 PM (IST)
Rajasthan: अफगानिस्तान से आने वालों की पूरी जांच हो: विहिप
विहिप ने कहा, अफगानिस्तान से आने वालों की पूरी जांच हो। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार का कहना है कि अफगानिस्तान से भारत आने वाले नागरिकों की जांच के बाद ही देश में प्रवेश दिया जाना चाहिए। अफगानिस्तान में विकट हालात पैदा हो गए हैं। इन परिस्थितियों से निकलने वाले सिख और हिंदुओं का भारत में स्वागत है। इनका भारत में आना अधिकार है। शेष अन्य लोगों के बारे में सरकार को पूरी सतर्कता और सावधानी बरतनी चाहिए। रविवार को भरतपुर में एक प्रेसवार्ता में कुमार ने कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन, ईरान और टर्की का गठजोड़ पूरी दुनिया के लिए खतरा है। सभी देशों को मिलकर विचार करना होगा कि इनसे कैसे निपटा जाए। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में देश की सीमाएं मजबूत हुए हैं। चीन की सेना को वापस लौटना पड़ा। हालांकि विपक्ष के नेता इस बात को गलत बता रहे हैं, लेकिन यह सही है कि केंद्र सरकार की सख्ती के कारण चीन की सेना वापस लौट गई। विपक्ष के नेताओं ने तो सर्जिकल स्ट्राइक को भी झूठा बताया था।

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कुमार ने कहा कि लव जिहाद पर कानून बनाने की जरूरत है। यूपी सरकार ने ऐसा काूनन बनाया है। काूनन बनने के बाद यूपी में गिरफ्तारी भी हुईं हैं। लव जिहाद की घटनाओं में कमी भी आई है। राजस्थान सरकार को भी यूपी की तर्ज पर लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाना चाहिए। देश के अन्य राज्यों में भी इसी तरह के कानून बनने चाहिए। उन्होंने कहा कि मेवात इलाके में चलने वाली गलत गतिविधियां सबके लिए चिंता का विषय हैं। मुस्लिम समाज की कट्टरता को रोकने के लिए कोई उपाय सामने नहीं आया है। मेवात इलाके के हिंदुओं को संगठित होकर खड़ा होना होगा। मेवात में हिंदू पलायन नहीं बल्कि पराक्रम करें। कट्टरवाद और तबलीगी जमात को रोकने के लिए सख्ती होनी चाहिए।

गौरतलब है कि बीस साल तक अफगानिस्तान में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराने के बाद अमेरिकी सेना ने अब पूरी तरह से वापसी शुरू कर दी है। तालिबान ने कहा है कि वह काबुल हवाई अड्डे को अपने नियंत्रण में लेने के लिए तैयार है। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच ही राष्ट्रपति जो बाइडन ने चेतावनी दी है कि एयरपोर्ट पर कभी भी फिर हमला हो सकता है।


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