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पंचगव्य पर रिसर्च के लिए सेंटर खालेगी वसुंधरा सरकार

वसुंधरा राजे सरकार पंचगव्य पर रिसर्च के लिए सेंटर स्थापित करेगी। आयुर्वेद में पंचगव्य (दूध,दही,घी,गोबर और गोमूत्र) गुणों का उल्लेख है,वैज्ञानिक आधार नहीं है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 12:49 PM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 12:49 PM (IST)
पंचगव्य पर रिसर्च के लिए सेंटर खालेगी वसुंधरा सरकार
पंचगव्य पर रिसर्च के लिए सेंटर खालेगी वसुंधरा सरकार

जयपुर,जागरण संवाददाता। राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार पंचगव्य पर रिसर्च के लिए सेंटर स्थापित करेगी। आयुर्वेद में पंचगव्य (दूध,दही,घी,गोबर और गोमूत्र) के गुणों का उल्लेख है,लेकिन इसका अब तक कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

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सदियों पुरानी मान्यताओं और आयुर्वेद में किए गए दावों को वैज्ञानिक आधार देने के लिए अब वसुंधरा राजे सरकार ने सेंटर स्थापित करने का फैसला किया है। सेंटर जयपुर में स्थापित होगा। सरकार का मानना है कि इस दिशा में रिसर्च के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलावा लाया जा सकता है। राज्य सरकार के गोपालन विभाग के अधीन यह सेंटर स्थापित होगा।

गोपालन विभाग के निदेशक डॉ.लालसिंह ने बताया कि राज्य में कुल 1.21 करोड़ गौवंश है। यहां नागौरी,थारपारकर,राठी,कांकरेज और गिर जैसी उत्तम गौवंश की नस्लें उपलब्घ है।

गौपालन मंत्री बोले,गाय की महत्ता बढ़ेगी

राज्य के गौपालन मंत्री ओटाराम देवासी का कहना है कि आयुर्वेद में पहले से ही पंचगव्य की मान्यता है। अब यदि इसे वैज्ञानिक मान्यता मिल जाती है तो गाय की उपयोगीता और महत्ता दुनिया भर में बढ़ जाएगी। उन्होंने दावा किया कि गायों के संरक्षण को लेकर सबसे अच्छा काम राजस्थान में हो रहा है।  


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