चुनावी साल में अगड़ों को आरक्षण देने की तैयारी कर रही वसुंधरा सरकार
राजस्थान में अब यदि ईबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है तो कुल आरक्षण की सीमा 64 प्रतिशत हो जाएगा,जो संविधान दायरे से अधिक होगा और इस पर कोर्ट से रोक लग सकती है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। चुनावी साल में अगड़ी जातियों को खुश करने के लिए राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार एक बार फिर आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों (ईबीसी) को आरक्षण देने पर विचार कर रही है । इससे पहले भी राजस्थान सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों को एक बार आरक्षण दिया था,लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।
ईबीसी में शामिल जातियों को 14 प्रतिशत आरक्षण देकर पिछले कुछ सालों से नाराज चल रहे राजपूत और ब्राहम्ण मतदाताओं को खुश करने का प्रयास वसुंधरा सरकार द्वारा अगले माह में किया जा सकता है । जानकारी के अनुसार आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है।
आयोग के अध्यक्ष और रिटायर जज अनूप चंद गोयल ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रिपोर्ट के बारे में अनौपचारिक रूप से बता भी दिया, जिसमें कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में राजपूत और ब्राहम्ण समाज के लोगों की आर्थिक हालात काफी खराब है। उन्होंने इन दोनों समाजों को आरक्षण के साथ ही विशेष पैकेज की भी आवश्यकता बताई।
गोयल से मिली जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने अपने विश्वस्त अधिकारियों एवं दो मंत्रियों की अलग से टीम बनाकर पूरे प्रकरण का अध्ययन करवाया। इस टीम ने भी गोयल की राय पर सहमति जताई। गोयल और मंत्रियों एवं अधिकारियों की टीम से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री ने अब आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों को 14 प्रतिशत आरक्षण देने का मानस बनाया है।
जानकारी के अनुसार आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट तैयार होने के बावजूद सरकार ने कुछ समय तक रोकने के लिए कहा था,लेकिन अब जून माह में आयोग अपनी रिपोर्ट विधिवत रूप से दे देगा और इसके बाद सरकार ईबीसी आरक्षण की घोषणा कर सकती है। जानकारी के अनुसार ईबीसी के युवाओं को स्वरोजगार के लिए सरकार द्वारा दिए जाने वाले 50 हजार रूपए तक लोन की राशि बढ़ाकर 1 लाख रूपए करने की घोषणा भी मुख्यमंत्री आरक्षण के साथ ही कर सकती है। यह लोन 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जा रहा है। शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण को लेकर भी प्रावधान किया जाएगा ।
ओबीसी आयोग के अध्यक्ष बोले : रिपोर्ट तैयार,शीघ्र सरकार को सौंप देंगे
आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष अनूप चंद गोयल का कहना है कि सरकार ने 30 जून,2016 को अनारक्षित वर्ग की आर्थिक स्थिति के अध्ययन के लिए आयोग बनाया था। आयोग ने करीब दो साल के कार्यकाल में गांवों और शहरों में जाकर आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों ब्राहम्ण,राजपूत,सिंधी,कायस्थ,वैश्य और मुस्लिम समाज की तीन जातियों (पठान,शेख,सैयद)की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति का अध्ययन किया,सुझाव भी मांगे गए। आयोग की रिपोर्ट तैयार है,अब सरकार को सौंपी जाएगी । आयोग के एक सदस्य ने बताया कि सरकार और आयोग के बीच अनौपचािरक रूप से यह बात हुई है कि ईबीसी में शामिल जातियों को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा ।
पहले हाईकोर्ट में लग चुकी रोक
राज्य सरकार ने साल,2008 में आर्थिक आधार पर 14 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था,लेकिन इस पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। वर्तमान वसुंधरा राजे सरकार ने सत्ता संभालने के बाद साल,2015 में आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग आरक्षण कानून को विधानसभा में पारित किराते हुए आर्थिक रूप से पिछड़ों के सर्वे के लिए रिटायर जज अनूप चंद गोयल की अध्यक्षता में आयोग बनाया था
वर्तमान आरक्षण की स्थिति
ओबीसी 21 प्रतिशत
एससी 16 प्रतिशत
एसटी 12 प्रतिशत
गुर्जर सहित पांच जातियों को 1 प्रतिशत
एमबीसी
कुल आरक्षण 50 प्रतिशत
अब यदि ईबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है तो कुल आरक्षण की सीमा 64 प्रतिशत हो जाएगा,जो कि संविधान के दायरे से अधिक होगा और इस पर कोर्ट से रोक लग सकती है।