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Rajasthan Assembly Session: वासुदेव देवनानी को सदन से बाहर करने पर भाजपा का वॉकआउट

Rajasthan नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह सही है कि विधाायक देवनानी को बैठ जाना चाहिए था लेकिन इतनी छोटी सी घटना के लिए विधायक को सदन से निकालना सही नहीं होगा। अगर ऐसा हुआ तो हम सब सदन से चले जाएंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 08:35 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 08:35 PM (IST)
Rajasthan Assembly Session: वासुदेव देवनानी को सदन से बाहर करने पर भाजपा का वॉकआउट
वासुदेव देवनानी को सदन से बाहर करने पर भाजपा का वॉकआउट। फाइल फोटो

अजमेर, संवाद सूत्र। राजस्थान विधानसभा में सोमवार को शून्यकाल शुरू होते ही भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी से उलझ गए। इससे नाराज विधानसभा अध्यक्ष ने देवनानी को सदन से एक दिन के लिए बाहर निकाल दिया। इससे नाराज सभी भाजपा विधायक सदन का बहिष्कर कर चले गए। विधानसभा में बिना प्रतिपक्ष की मौजूदगी के बजट बहस शुरू हुई। शून्यकाल शुरू होते ही वासुदेव देवनानी बिना अनुमति ही बोलने लग गए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ जोशी ने खड़े होकर उन्हें टोका। इसके बावजूद भी उन्होंने बोलना बंद नहीं किया। वह विधानसभा अध्यक्ष से ही उलझ गए। इस पर डॉक्टर जोशी ने कड़ा रुख अपनाते हुए देवनानी के आचरण को विधानसभा अध्यक्ष के आदेशों की अवहेलना बताया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ जोशी ने संसदीय कार्यमंत्री से देवनानी को एक दिन के लिए सदन से बाहर निकालने का प्रस्ताव लाने को कहा।

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इसी बीच, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह सही है कि विधाायक देवनानी को बैठ जाना चाहिए था, लेकिन इतनी छोटी सी घटना के लिए विधायक को सदन से निकालना सही नहीं होगा। अगर ऐसा हुआ तो हम सब सदन से चले जाएंगे। नेता प्रतिपक्ष के बोलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ जोशी ने कहा कि आपकी तरफ से विधायक के आचरण पर कोई खेद नहीं जताया गया है। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि विधायक वासुदेव देवनानी का आचरण संसदीय परंपराओं के अनुकूल नहीं है। नेता प्रतिपक्ष विधानसभा अध्यक्ष पर दबाव बनाना चाहते हैं। देवनानी ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है, जो हरकत की है उसके लिए उन्हें एक दिन के लिए सदन से निकाला जाए और तभी प्रवेश दिया जाए जब वे अपने आचरण के लिए माफी मांगे। प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया द्वारा सदन में खेद प्रकट नहीं करने पर विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री द्वारा रखे गए प्रस्ताव को बहुमत के आधार पर सदन में पारित करा दिया। विधानसभा में भाजपा के विधायक देवनानी को बाहर निकालने का प्रस्ताव सदन से पारित होते ही भाजपा के सभी विधायक सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करके चले गए।

आवाज उठाने के बदले एक दिन के लिए विधानसभा से निलंबित करना लोकतंत्र का गला घोटने जैसा

पूर्व शिक्षा मंत्री व एबीवीपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता वासुदेव देवनानी ने कहा कि विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओ पर हुए जानलेवा हमले की बात सदन में उठाने की अनुमति नहीं देना लोकतंत्र का गला घोटने के समान है। कार्यकर्ताओ पर हो रहे अत्याचार का मामला विधानसभा में उठाना हमारा अधिकार है। इस अधिकार का इस्तेमाल हम करते रहेंगे। देवनानी ने कहा कि शनिवार देर रात राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य दरवाजे के सामने छात्र हितों की मांगों को लेकर शांति पूर्वक विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता धरने पर बैठे थे। एनएसयूआई के गुंडों द्वारा सो रहे कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला किया गया। गुंडों ने कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां बरसाई। जिससे कई कार्यकर्ता घायल हुए, जबकि कई कार्यकर्ताओं के गहरी चोटे आई। पुलिस ने गुंडो के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय परिषद के कार्यकर्ताओं पर ही केस लगा दिये। ऐसे गंभीर विषय पर भी विधानसभा में स्थगन नही देना और एक दिन के लिए विधानसभा से निलंबित कर देना निश्चित रूप से लोकतंत्र का गला घोटने वाला कदम है।

उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से राष्ट्रहित, समाजहित और छात्रहित में काम कर रहे सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं पर योजनाबद्ध तरीके से हमले किए जा रहे हैं। सरकार की अनदेखी और लापरवाही के चलते गुंडा तत्वों के हौसले बुलंद है। पिछले दिनों राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए संग्रह कर रहे कोटा जिला संघचालक पर असामाजिक तत्वों द्वारा जानलेवा हमला किया गया। उसको लेकर भी स्थगन विधानसभा में लगाया गया था लेकिन उसे भी अस्वीकार कर दिया गया। इस प्रकार लोकतंत्र में आवाज दबाना सरासर तानाशाही है, जिसे चलने नहीं दिया जाएगा। जनता से जुड़े तमाम मामलों पर भाजपा और उसके विधायक प्रखरता से सड़क से सदन तक आवाज उठाते आए हैं और उठाते रहेंगे।


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