गरीब नवाज का उर्स सम्पन्न, सोनिया और राहुल की ओर से पेश की गई चादर
अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 806वें उर्स का रविवार को कुल की रस्म के समापन हो गया ।
जयपुर, जागरण संवाददाता। अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 806वें उर्स का रविवार को कुल की रस्म के समापन हो गया । कुल की रस्म के समापन के मौके पर दरगाह के नौबत खाने में शादियाने बजाने के साथ ही बड़े पीर की पहाड़ी पर तोप के गोले दागे गए ।
उर्स के कुल की रस्म अदायगी के साथ ही दरगाह का जन्नती दरवाजा बंद हो गया ।बड़े कुल की रस्म 28 मार्च को होगी । रविवार को दिन में दरगाह में कुल की महफिल में देश के विभिन्न खानकाहों के सज्जादानशीन,सुफी और कव्वाल शामिल हुए । कुल की रस्म् सम्पन्न होने के साथ ही देश के विभिन्न प्रदेशों से अजमेर आए जायरीनों का लौटना शुरू हो गया है ।
दरगाह कमेटी के अनुसार गरीब नवाज के उर्स में इस बार बड़ी संख्या में जायरीन शामिल हुए । बांग्लादेश के जायरीनों का एक प्रतिनिधमंडल भी उर्स में शामिल हुआ,हालांकि इस बार पाकिस्तान के जायरीन उर्स में शामिल होने नहीं हुए । इधर उर्स के अंतिम दिन रविवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से दरगाह में चादर पेश की गई ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट,सांसद डॉ.रघु शर्मा एवं पूर्व सांसद अश्क अली टांक ने सोनिया और राहुल की ओर से चादर पेश की देश में अमन-चैन की दुआ मांगी । सचिन पायलट ने सोनिया और राहुल की ओर से भेजा गया संदेश पढ़कर सुनाया ।
विवाद के बीच दरगाह दीवान ने बेटे को सौंपी गद्दी
दरगाह दीवान सैय्यद जेनुअल आबेदीन ने शनिवार शाम विवाद के बीच अपने बड़े बेटे सैय्यद नसरूद्दीन को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हुए गद्दी सौंप दी । उन्होंने सैय्यद नसरूद्दीन की दस्तारबंदी भी की । उर्स के मौके पर दरगाह दीवान द्वारा की गई इस घोषणा का उनके भाईयों और खादीमों ने विरोध किया ।
खादीमों ने दरगाह दीवान को जन्नती दरवाजे के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया और खुद ही कुल की रस्म अदा कर दी । परंपरा के अनुसार कल की रस्म के मौके पर दरगाह दीवान की मौजूदगी आवश्यक होती है । इस पर दरगाह दीवान अपने बेटे समर्थकों के साथ जन्नती दरवाजे के बाहर बैठ गए । माहौल बिगड़ा देख जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने दरगाह पहुंचकर दरगाह दीवान से बातचीत की और फिर खादीमों को शांत कराया ।