पर्चा लीक मामले को लेकर राजस्थान विधानसभा में हंगामा, राज्यपाल कलराज मिश्र नहीं पढ़ सके पूरा अभिभाषण
राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दौरान भर्ती परीक्षाओं के पर्चे लीक मामले को लेकर भाजपा और आरएलपी के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे की वजह से राज्यपाल कलराज मिश्र ने अभिभाषण पढ़ना बीच में ही रोक दिया।
जागरण संवाददाता,जयपुर। भर्ती परीक्षाओं के पर्चे लीक मामले को लेकर राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। भाजपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के विधायकों ने राज्यपाल कलराज मिश्र के अभिभाषण के दौरान जमकर हंगामा किया। दोनों ही पार्टियों के विधायक वैल में आकर हंगामा करने लगे। हंगामा इतना बढ़ा कि राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ना बीच में ही रोक दिया और सदन से चले गए। बजट सत्र के पहले दिन करीब एक घंटे के अभिभाषण को राज्यपाल लगभग 20 मिनट ही पढ़ सके ।
सदन से निष्कासित हुए तीन विधायक
हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी ने आरएलपी के तीन विधायकों नारायण बेनीवाल,पुखराज गर्ग और सोना देवी बावरी को एक दिन के लिए सदन से निष्कासित कर दिया ।तीनों विधायक पर्चा लीक प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग से जुड़ी तख्तियां हाथों में लेकर आए थे। इससे पहले अध्यक्ष ने तीनों विधायकों को बैठने के लिए कहा,लेकिन उन्होंने हंगामा जारी रखा। इस पर अध्यक्ष ने तीनों विधायकों को सदन से निकालने के लिए मार्शल को बुलाया । मार्शल जब तीनों विधायकों को बाहर निकालने लगे तो प्रतिपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने विरोध किया,लेकिन अध्यक्ष ने उन्हे शांत रहने के लिए कहा।
सीबीआई जांच की मांग
राज्यपाल का अभिभाषण प्रारंभ होते ही प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया खड़े हुए और पर्चा लीक का मुददा उठाया । उन्होंने पर्चा लीक मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। उन्होंने राज्यपाल से कहा,आन संविधान पीठ के प्रभारी हो आपको संविधान की रक्षा करनी चाहिए। उन बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए जिनके भविष्य पर्चे लीक होने के कारण उजड़ रहे हैं। कटारिया के साथ ही अन्य विपक्षी विधायकों ने भी बोलना प्रारंभ कर दिया। हंगामे के कारण राज्यपाल के अभिभाषण में व्यवधान हुआ । वे पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ सके।
राज्यपाल का अभिभाषण को पढ़ा हुआ मान लिया गया। इसके बाद राज्यपाल विधानसभा से रवाना हो गए।सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद तय हुआ कि मंगलवार को इस विषय पर सदन में चर्चा होगी । उधर हंगामे के कारण राष्ट्रगान के दौरान गफलत हुई। राज्यपाल और अध्यक्ष अपनी कुर्सी से पीछे हटकर सदन से बाहर जाने के लिए तैयार हो चुके थे। इस बीच सदन के आडियो सिस्टम से राष्ट्रगान बच गया । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ध्यान दिलाया तब राज्यपाल और अध्यक्ष सावधान की मुद्रा में खड़े हो गए । हंगामा कर रहे भाजपा विधायक भी भागकर अपनी सीटों पर पहुंचे ।
गहलोत ने विपक्ष पर निशाना साधा
सीएम गहलोत ने कहा कि भाजपा जनता तक फायदा नहीं पहुंचने देना चाहती है। गहलोत ने कहा,भाजपा नेताओं के पास कहने को कुछ भी नहीं है,इसलिए राज्यपाल का अभिभाषण शांतिपूर्वक नहीं होने दिया । इनकी चाल है कि धमालपट्टी करके सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचने से रोकें। सरकार की योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंचने देने का इनका षडयंत्र है।
निर्दलीय विधायक ने पेश किया विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश
सीएम ने कहा,पर्चे लीक की चिंता इनसे ज्यादा हमको है। हम जितनी नौकरियां दे रहे हैं,उतनी किसी राज्य ने नहीं दी है। राज्य में साढ़े तीन लाख नौकरियां दी गई है। लोगों का ध्यान बांटने के लिए भाजपा विधायकों ने जानबूझकर नाटक किया है। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है। लोढ़ा ने विधायकों के इस्तीफों का मामला अध्यक्ष के पास लंबित होने के बावजूद न्यायालय में याचिका दायर करने को विशेषाधिकार हनन बताते हुए प्रस्ताव पेश किया है।
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