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राजसमंद के श्रीमाली समाज में विवाह की अनोखी परम्परा, दुल्हन को गोद में उठाकर लिए जाते हैं चार फेरे

राजसमंद के श्रीमाली समाज में विवाह की अनोखी परम्परा है। यहां दुल्हन घोड़ी पर सवार होकर आती है और दूल्हा उसे गोदी में उठाकर मंडप में ले जाता है। यहां दो चरणों में आठ फेरे लिए जाते हैं। फोटो- जागरण

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaPublished: Sun, 29 Jan 2023 04:39 AM (IST)Updated: Sun, 29 Jan 2023 04:39 AM (IST)
राजसमंद के श्रीमाली समाज में विवाह की अनोखी परम्परा, दुल्हन को गोद में उठाकर लिए जाते हैं चार फेरे
घोड़े से दूल्हे के घर जाती दुल्हन तथा गोद में दुल्हन को उठाकर फेरे लेता दूल्हा। जागरण

उदयपुर, जागरण संवाददाता। अभी तक आपने दूल्हे को घोड़ी पर सवार होकर आते देखा होगा लेकिन राजसमंद के श्रीमाली समाज में विवाह की अनोखी परम्परा है। यहां दुल्हन घोड़ी पर सवार होकर आती है और दूल्हा उसे गोदी में उठाकर मंडप में ले जाता है। यहां दो चरणों में आठ फेरे लिए जाते हैं। जिनमें से चार हाथ पकड़कर तथा दूसरे चरण में बाकी चार चार फेरे दूल्हे को अपनी दुल्हन गोद में उठाकर लेने होते हैं। सैकड़ों सालों से चली आ रही इस परम्परा को यहां स्थानीय भाषा में 'आड़-बिनौली' कहते हैं।

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कई पीढ़ियों से जारी है प्रथा

श्रीमाली समाज के सीनियर सिटीजन जय प्रकाश माली बताते हैं कि यह प्रथा कई पीढ़ियों से जारी है। जिसके तहत दुल्हन सफेद घोड़ी पर सवार होकर दूल्हे के यहां अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ आती है। वह बताते हैं कि श्रीमाली समाज में दुल्हन जहां घोड़े पर बैठकर शादी की रस्म निभाती है तो दूल्हा फेरों के वक्त दुल्हन को गोद में उठा लेता है और अग्नि के चारों तरफ फेरे लेकर साथ निभाने की कसम खाता है।

दो चरणों में होती है शादी

श्रीमाली ब्राह्मण समाज राजसमंद के महासचिव दिनेश श्रीमाली बताते हैं कि यह उनके समाज में अनूठी परम्परा है। इसे आड़ बिनौली कहा जाता है। इससे पहले दुल्हन और उसके ससुराल पक्ष की महिला रिश्तेदारों का परिचय कराया जाता है। वह दुल्हन को कपड़े तथा मिठाई के रूप में बताशे भेंट करती हैं। इसके बाद विवाह की आगे की रस्में निभाई जाती हैं। मंडप में श्रीमाली समाज की शादी दो चरणों में होती है। पहले चार फेरे हाथ पकड़ कर लिए जाते हैं। जिसके साथ गौत्राचार व कन्यादान किया जाता है। दूसरे चरण में दुल्हन को दूल्हा गोद में उठा कर चार फेरे लेता है।

गत 26 जनवरी को बैंक में जॉब करने वाली प्रज्ञा श्रीमाली और आईटी इंजीनियर पवन की शादी भी इन्हीं रस्मों के साथ हुई थी। पवन महाराष्ट्र के पुणे शहर की प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में नौकरी करते हैं। शादी के लिए प्रज्ञा का परिवार कांकरोली आ गया था। शादी वाले दिन लड़की ने घोड़े पर बैठकर रस्म निभाई। वह सफेद घोड़ी पर बैठकर लाल जोड़े में सज-धजकर दूल्हे के अस्थायी आवास पर पहुंची, जहां वह ठहरे हुए थे।


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