स्कूली बच्चों के बस्तों का बोझ कम करेगी गहलोत सरकार
Gehlot government. शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि स्कूली बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा कैसे मिले इसके लिए सरकार योजना बना रही है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अब स्कूली बच्चों के भारी बस्ते का बोझ कम करने की दिशा में कदम उठा रही है। इसकी शुरुआत बुधवार से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर राज्य के सभी 33 जिलों में एक-एक उच्च प्राथमिक विद्यालय में होगी। बच्चों को भारी भरकम बस्तों के बोझ से निजात दिलाने के लिए चयनित स्कूलों में बाकायदा एक खास सिलेबस डिजाइन किया गया है। इसमें कम से कम किताबें स्कूल में ले जाने की जरूरत होगी।
जयपुर जिले में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, वाटिका में शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की। डोटासरा ने कहा कि स्कूली बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा कैसे मिले इसके लिए सरकार कार्य योजना बना रही है। सरकार चाहती है कि बच्चों के बस्तों का बोझ कम करते हुए उन्हे अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाई जाए। केवल किताबों की संख्या बढ़ाने से कुछ नहीं होगा, अच्छी शिक्षा से बच्चों का भविष्य संवरेगा।
उल्लेखनीय है आधुनिक शिक्षा के नाम पर बच्चे किताबों का भारी-भरकम बोझ उठाने के लिए मजबूर है। पहली कक्षा के बच्चे के स्कूली बैग में ही अमूमन दो से तीन किलो वजन होता है। इसके साथ ही अन्य सामान भी होता है। छोटे बच्चों के इन बैगों को जब कंधों पर उठाते हैं तो कइयों की तो कमर तक झुक जाती है। यह पीड़ा किसी एक स्कूल के बच्चों की नहीं होकर कमोबेश सभी की है। इसमें अभिभावक चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते हैं। ऐसे में अब राज्य सरकार ने इसका बीड़ा उठाया है और बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने की योजना तैयार की है।