Rajasthan: समय पर नहीं मिल रहा बेरोजगारी भत्ता, आवेदक लगा रहे रोजगार कार्यालयों के चक्कर
Unemployment Allowance. राजस्थान में अब तक मात्र तीन लाख आवेदकों को बेरोजगारी भत्ता मिल सका है। शेष आवेदक लंबे समय से जिला रोजगार कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Unemployment Allowance. राजस्थान में बेरोजगारी भत्ता बढ़ाए जाने के बाद रोजगार कार्यालयों में पंजीकरण कराने वाले युवाओं की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हुई है। साल, 2018 तक प्रदेश में कुल पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या एक लाख 81 हजार 151 थी। यह संख्या इस साल जनवरी माह में बढ़कर छह लाख पांच हजार 332 हो गई है। इसका सबसे बड़ा कारण अशोक गहलोत सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ते की राशि में बढ़ोतरी करना है।
पिछले साल तक प्रदेश में बेरोजगारों को 600 रुपये मासिक बेरोजगारी भत्ता मिलता था, लेकिन गहलोत सरकार ने सामान्य युवाओं को तीन हजार रुपये और युवतियों, ट्रासजेंडर्स व विकलांगों को 3,500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देना जैसे ही शुरू किया तो पंजीकरण कराने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो गई। हालांकि बेरोजगारी भत्ता अब तक कम ही आवेदकों को मिल सका है। अब तक मात्र तीन लाख आवेदकों को बेरोजगारी भत्ता मिल सका है। शेष आवेदक लंबे समय से जिला रोजगार कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं।
मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के नाम से बेरोजगारों को दी जाने वाली सहायता राशि नहीं मिलने का प्रमुख कारण सरकार का आर्थिक संकट है। करीब साढ़े तेरह हजार करोड़ रुपये के कर्जभार के चलते सरकार ने कई बड़ी योजनाओं का काम धीमा कर दिया है। करीब डेढ़ साल पूर्व विधानसभा चुनाव के समय बेरोजगारों को भत्ता देने का वादा तो गहलोत सरकार ने सत्ता संभालते ही पूरा किया, लेकिन उस पर सही तरह से अमल नहीं हो पा रहा है।
बेरोजगारी भत्ते के लिए प्रदेश में सबसे अधिक पंजीकरण सीकर जिले में 47,300 हुए। वहीं, जयपुर में 20,132 युवाओं ने पंजीकरण कराया। सबसे कम टोंक जिले में 8,500 युवाओं ने भत्ते के लिए पंजीकरण कराया है। राज्य के युवा मामलात मंत्री अशोक चांदना का कहना है कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकारी भर्तियां निकाली जा रही है। आवेदकों को बेरोजगारी भत्ता समय पर मिले इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।