Rajasthan: राजस्थान के बेरोजगार युवा कांग्रेस सरकार के खिलाफ चलाएंगे अभियान
महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि पांच जुलाई से दो अक्टूबर तक प्रदेश में कांग्रेस सरकार के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा । इस दौरान युवाओं को अपने हक और सरकार के खिलाफ जागरूक किया जाएगा। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मुक्त अभियान चलाया जाएगा।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के बेरोजगारों ने साल, 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का बहिष्कार करने की बात कही है। बेरोजगार एकीकृत महासंघ के पदाधिकारियों ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार तानाशाह की तरह काम कर रही है। महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि बेरोजगारों द्वारा पिछले दिनों किए गए आंदोलन को लेकर उनके खिलाफ पुलिस ने मुकदमें दर्ज किए । सरकारी नौकरी की मांग को लेकर आंदोलन करने वाले बेरोजगारों को जेल भेजा गया ।
यादव ने कहा कि पांच जुलाई से दो अक्टूबर तक प्रदेश में कांग्रेस सरकार के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा । इस दौरान युवाओं को अपने हक और सरकार के खिलाफ जागरूक किया जाएगा। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मुक्त अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बेरोजगारों की मांग पूरी होने का दावा किया था । लेकिन लंबा वक्त बीत गया और मांग पूरी नहीं की गई। बेरोजगारों की मांग सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की है।
अशोक गहलोत बोल- देश में व्याप्त है अविश्वास और हिंसा का माहौल
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में हिंसा और अविश्वास का माहौल है और इससे देश बर्बाद हो सकता है। उन्होंने कहा कि तनाव की राजनीति देश के लिए अच्छी नहीं है। जिस परिवार में तनाव होता है, वह आगे नहीं बढ़ता और बर्बाद हो जाता है। यही बात गांव, देश और राज्य पर भी लागू होती है। गहलोत ने कहा कि अविश्वास और हिंसा का माहौल है। कुछ लोग खुश हो सकते हैं कि बुलडोजर चल रहे हैं। वह बुलडोजर कभी भी आपके यहां आ सकता है।
उन्होंने कहा कि कानून द्वारा दोष सिद्ध किए बिना किसी को दोषी नहीं कहा जा सकता। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए गहलोत ने दो साल पहले राज्य में राजनीतिक संकट को लेकर नेता के एक बयान का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि मंत्री कह रहे हैं कि सचिन पायलट ने मौका नहीं गंवाया होता और राजस्थान में सरकार बदल जाती तो राज्य में (ईआरसीपी के जरिए) पानी आ जाता, क्या कोई केंद्रीय मंत्री ऐसी भाषा बोल सकता है? इससे ज्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है।