Udaipur Murder Case:कन्हैयालाल हत्याकांड की सुनवाई केस ऑफिसर योजना के तहत होगी, जानिए- कब क्या घटित हुआ?
Kanhaiyalal murder case उदयपुर में कन्हैयालाल की बर्बरता से हत्या का मामला की जांच आफिसर योजना के तहत की जाएगी।योजना में सबसे पहले थाना स्तर पर मामले की पहचान की जाती। कट्टर अपराधियों या सनसनीखेज मामलों में सबूत की सुरक्षा प्रदान कर अपराधियों को सजा दिलाने के प्रयास किए जाते।
उदयपुर, सुभाष शर्मा। भाजपा की पूर्व नेता नुपूर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने पर गत 28 जून को उदयपुर में कन्हैयालाल की बर्बरता से हत्या का मामला की जांच आफिसर योजना के तहत की जाएगी। जिसमें जल्द से जल्द जांच पूरी कर हत्यारों को सजा सुनाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पुलिस ने साल 2004 में केस ऑफिसर योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत, कट्टर अपराधियों के खिलाफ मामले और हत्या, आदि के सनसनीखेज मामले अधिकारियों को सौंपे जाते हैं, ताकि अधिकारी ट्रायल को करीब से फॉलो कर पाएं। अधिकारी, न्यायपालिका और अभियोजन पक्ष के साथ बेहतर संपर्क कर जल्दी सुनवाई की व्यवस्था करते हैं, कोर्ट में गवाह की उपस्थिति सुनिश्चित करते हैं और देखते हैं कि वो डर के कारण मुकर न जाएं। इस योजना के तहत मामलों की जल्द सुनवाई के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने भी जिला अदालतों और पुलिस को निर्देश जारी किए थे।
इस तरह जांच चलती है केस ऑफिसर योजना में
केस ऑफिसर योजना में सबसे पहले थाना स्तर पर मामले की पहचान की जाती है। कट्टर अपराधियों या सनसनीखेज मामलों में सबूत की सुरक्षा प्रदान कर अपराधियों को सजा दिलाने के प्रयास किए जाते हैं। इसमें जांच अधिकारी को केवल एक ही मामला दिया जाता है और वह उस मामले का केस ऑफिसर कहलाता है। उस मामले में उच्चाधिकारी भी में मामले पर नजर बनाए रखते हैं।
केस ऑफिसर आरोपी के मौजूदा मामले, सभी पुराने मामले का रिकार्ड के साथ उसकी निजी और पारिवारिक प्रोफाइल की जानकारी रखती है। केस ऑफिसर कोर्ट की सुनवाई के दौरान मौजूद रहता है। उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत अब तक लगभग साढ़े पांच हजार से अधिक मामले लिए जा चुके हैं।
कन्हैयालाल हत्याकांड में अब तक
-18 जून कन्हैयालाल दर्जी के मोबाइल से नुपूर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल
-19 जून पड़ोसी अल्पसंख्यकों ने कन्हैयालाल को चेतावनी दी
-20 जून को कन्हैयालाल के खिलाफ धानमंडी में पड़ोसी रियाज ने मामला दर्ज कराया, कन्हैयालाल को पुलिस ने हिरासत में लिया और जेल भेेज दिया गया
-21 जून कन्हैयालाल रिहा, मुस्लिम यवकों ने उसे जान से मारने की धमकी दी, धानमंडी थाने में नामजद मामला दर्ज कराया, पुलिस ने दो आरोपियों को पाबंद कर छोड़ा
-22 जून से 27 जून तक कन्हैयालाल अपने ही घर पर रहा, दुकान बंद रखी।
-28 जून कन्हैयालाल दुकान पर पहुंचा। रैकी कर रहे पड़ोसी मुस्लिम युवकों ने मोहम्मद गौस और रियाज को उसके दुकान पर आने की सूचना दी। दोपहर बाद वह हथियारों के साथ आए और ड्रेस सिलवाने के नाम पर दुकान में घुसकर उसकी गर्दन काटकर हत्या की। हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारों ने कबूलनामा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हत्या की चेतावनी दी।
-28 जून की रात ही दोनों हत्यारों को राजसमंद जिले के भीम कस्बे से धर दबोचा
-29 जून रैकी करने वाले तीन और आरोपी गिरफ्तार, एनआईए और एसआईटी की टीम उदयपुर पहुंची और हत्यारों को हिरासत में लेकर से पूछताछ शुरू, हत्याकांड के विरोध में आधा दर्जन से अधिक जगह पर आगजनी और तोड़फोड़, इंटरनेट सेवा बंद, शहर के सात थाना क्षेत्र में कर्फ़्यू लगाया
-30 जून सर्वधर्म समाज ने रैली निकाली, पथराव और पुलिस का लाठीचार्ज, हत्यारों ने जहां से वीडियो बनाकर वायरल किया, उस फैक्ट्री पर एनआइए की छापेमारी, नेशनल हाईवे पर एक ढाबे पर तोड़फोड़, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उदयपुर आए और कन्हैयालाल के परिजनों से मिले। 51 लाख की आर्थिक सहायता के साथ मृतक के दो पुत्रों को सरकारी नौकरी की घोषणा।