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1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद यहां आसमान में फ‍िर उड़ते द‍िखे म‍िग

पाकिस्तान से लगी सरहद पर वायुसेना के लिए जोधपुर एयरबेस काफी महत्व रखता है।ऐसे में एक बार फिर तनावपूर्ण माहौल में वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज उदयपुर आकर अभ्यास में जुटे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 09:05 AM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 09:06 AM (IST)
1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद यहां आसमान में फ‍िर उड़ते द‍िखे म‍िग
1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद यहां आसमान में फ‍िर उड़ते द‍िखे म‍िग

उदयपुर, जेएनएन। डबोक स्थित महाराणा प्रताप एयरपोर्ट से एक बार फिर मिग विमानों ने उड़ान भरी। मिग विमान आसमान में कलाबाजियां करते नजर आए। तेज गगनभेदी आवाज के साथ जैसे ही ये उड़ान भरते हैं, वैसे ही एयरपोर्ट के आसपास के लोग इसे देखने घरों से निकल पड़ते हैं। लोगों में इन्हें देखने का कौतूहल बना हुआ है।

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गौरतलब है कि उदयपुर में जोधपुर से एयरफोर्स के मिग व सुखोई विमान आए हैं। वे यहां दो-तीन दिन से डबोक एयरपोर्ट पर हैं। एयरफोर्स की ओर से उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट से अभ्यास किया जा रहा है ताकि किसी भी परिस्थिति में डबोक एयरपोर्ट का उपयोग लड़ाकू विमान एयरबेस के तौर पर किया जा सके।

1971 में वायुसेना के लिए एयरवेस बना था डबोक एयरपोर्ट

पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सरहद पर वायुसेना के लिए जोधपुर एयरबेस काफी महत्व रखता है। इसी तरह उदयपुर का डबोक एयरपोर्ट भी युद्ध जैसे हालात के समय सेना के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। जानकार बताते हैं, 1971 के युद्ध के समय में भी डबोक एयरपोर्ट का उपयोग वायुसेना ने किया था। ऐसे में एक बार फिर तनावपूर्ण माहौल में वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज जोधपुर से उदयपुर आकर अभ्यास में जुटे हैं। 


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