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अशोक गहलोत सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा, कांग्रेस ने की तारीफ; वसुंधरा राजे ने बताया अदृश्य सरकार

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार 17 दिसंबर वीरवार को अपना दो साल का कार्यकाल पूरा कर रही है पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक बयान में कहा कि सात दशकों में यह पहला मौका जब प्रदेश में सरकार अदृश्य है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 16 Dec 2020 08:34 PM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2020 08:34 PM (IST)
अशोक गहलोत सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा, कांग्रेस ने की तारीफ; वसुंधरा राजे ने बताया अदृश्य सरकार
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार 17 दिसंबर को अपना दो साल का कार्यकाल पूरा कर रही है

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के दो साल का कार्यकाल वीरवार को पूरा होगा। सरकार का गठन 17 दिसंबर, 2018 को हुआ था । इन दो सालों में गहलोत सरकार में कई तरह के उतार चढ़ाव आए। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की बगावत और उन्हे मनाने में कांग्रेस सरकार का 34 दिन का समय व्यतीत हो गया। पायलट और उनके समर्थकों की वापसी तो हो गई, लेकिन विधायकों में लगातार असंतोष बढ़ता जा रहा है। 

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इस दौरान विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र के साथ टकराव की नौबत भी आई। सीएम गहलोत विधायकों को लेकर राजभवन में धरने पर बैठ गए। पंचायत चुनाव में कांग्रेस की हार गहलोत सरकार के लिए अच्छी खबर नहीं रही । हालांकि नगर निगम,नगर परिषद व नगर पालिका चुनाव से अधिकांश में कांग्रेस का बोर्ड बनने से पंचायत चुनाव में हार को पार्टी नेतृत्व बराबर मान रहा है। आर्थिक संकट के चलते सरकार को विधानसभा चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने में काफी मुश्किल हो रही है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि पार्टी ने जनघोषणा-पत्र में 501 वादे किए थे, इनमें से 252 पूरे कर लिए,173 पर काम चल रहा है। 

डोटासरा का कहना है कि गरीबों को 5 रूपए में भोजन उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई इंदिरा रसोई के साथ ही बेहतर कोविड मैनेजमेंट इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धि है। सरकार ने किसानों की कर्ज माफी की, वृद्ध किसानों को पेंशन उपलब्ध कराई गई, विभिन्न नीतियां बनाई गई। सरकारी भर्तियों का काम शुरु किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक बयान में कहा कि सात दशकों में यह पहला मौका जब प्रदेश में सरकार अदृश्य है जो ना तो जनता को दिखाई दे रही है और ना ही कांग्रेस कार्यकर्ता को नजर आ रही है। 

विकास के नाम पर गहलोत सरकार दो साल में दो कदम भी नहीं चल सकी है। प्रदेश में आम लोगों की कोई सुनने वाला नहीं है । भ्रष्टचार के हालात यह हैं कि कांग्रेस नेता ही अपनी अदृश्य सरकार के खिलाफ मुखर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वादा फरामोश सरकार जनता को धोखा दे रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि दो साल में गहलोत सरकार हर मोर्चे पर विफल रही। ना तो किसान की संपूर्ण कर्जमाफी हुई और ना ही युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिल सका । सरकार का आर्थिक प्रबंधन भी खराब रहा।


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