उप्र के दो विधायकों ने राजस्थान पुलिस की कार्रवाई में डाला खलल
दो विधायकों पर राजस्थान ने भ्रूण लिंग परीक्षण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में बाधा डालने का आरोप लगाया है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। उत्तर प्रदेश के दो विधायकों पर राजस्थान सरकार की पीसीपीएनडीटी टीम ने भ्रूण लिंग परीक्षण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में बाधा डालने का आरोप लगाया है। टीम ने अलीगढ़ के जिलाधिकारी से विधायक संजीव राजा और अनिल पाराशर के खिलाफ कार्रवाई में बाधा पहुंचाने की लिखित शिकायत की है।
राजस्थान चिकित्सा विभाग की पीसीपीएनीटी टीम ने उप्र के अलीगढ़ में जाकर डिकॉय ऑपरेशन को अंजाम दिया था। जिसमें भ्रूण की जांच करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। कार्रवाई के बाद टीम अलीगढ़ से जयपुर लौटी। टीम के सदस्यों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक नवीन जैन को पूरे मामले की जानकारी दी।
जैन ने बताया कि दोनों विधायकों ने टीम की कार्रवाई में बाधा पहुंचाने का प्रयास किया। इस बारे में अलीगढ़ के जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है। कार्रवाई के दौरान तीन दलालों व महिला चिकित्सक को पकड़ा गया। हालांकि, महिला चिकित्सक मौका पाकर फरार हो गई। जैन ने बताया कि नीमका थाना निवासी महेश कुमार प्रदेश की गर्भवती महिलाओं को अलीगढ़ ले जाकर भ्रूण परीक्षण कराता था। इसके बदले वह प्रत्येक महिला से 30 हजार रुपये लेता था। टीम को सूचना मिली कि महेश कुमार सोमवार को एक महिला को अलीगढ़ लेकर जाने वाला है।
टीम ने उसका पीछा किया और वह जीवन अस्पताल की चिकित्सक डॉ. दिव्या चौधरी तक पहुंच गई। इसी दौरान महेश कुमार ने उप्र के दो अन्य दलालों रिंकू और अनिल से भी संपर्क किया। वे दोनों भी अस्पताल पहुंच गए। मौका पाकर टीम ने तीनों दलालों सहित चिकित्सक को पकड़ लिया। हालांकि, चिकित्सक मौका पाते ही अपने पति डॉ. जयंत चौधरी के साथ फरार हो गई। टीम ने अलीगढ़ के जिलाधिकारी के प्रतिनिधि सहायक कलेक्टर रामस्वरूप पांडे की मौजूदगी में सोनोग्राफी मशीन सहित पूरा अस्पताल सीज कर दिया।
टीम में शामिल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रघुवीर सिंह ने बताया कि पीसीपीएनडीटी टीम ने जब आरोपियों को पकड़ा तो दोनों विधायकों ने आपत्ति जताई। अस्पताल पर कार्रवाई करने से रोकने का भी प्रयास किया। उनका कहना था कि राजस्थान की टीम किसी दूसरे राज्य में कार्रवाई नहीं कर सकती, लेकिन टीम का तर्क था कि महिला राजस्थान की थी, इसलिए कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हे जेल भेज दिया गया।
---
राजस्थान की टीम के कार्य में बाधा डालता तो अल्ट्रासाउंड मशीन ही कैसे सीज हो जाती? हम जनप्रतिनिधि के नाते थाने पहुंचे थे। फिर भी, उन्हें यह लगता है कि हमने कुछ गलत किया है तो हमारे खिलाफ भी एफआइआर दर्ज करा दें।
-संजीव राजा, विधायक
---
जनप्रतिनिधि होने के नाते किसी के बुलावे पर जाना मेरा कर्तव्य है। मैं छापेमारी की सूचना पर अस्पताल पहुंचा था, लेकिन मैंने किसी से किसी तरह की अभद्रता नहीं की और न ही कार्रवाई में बाधा डाली। छापेमारी टीम पूरी तरह से गलत बयानी कर रही है। वह निष्पक्ष कार्रवाई करे, हमें कोई ऐतराज नहीं है।
-अनिल पाराशर, विधायक
---
राजस्थान की टीम ने सोमवार को छापेमारी में रंगेहाथ डॉ जयंत व डॉ दिव्या को लिंग परीक्षण करते हुए पकड़ा था। टीम तीनों दलालों और दोनों आरोपी डॉक्टरों को गिरफ्तार कर साथ ले जाना चाहती थी, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों व निजी डॉक्टरों के विरोध के कारण नहीं ले जा सकी। तीनों दलालों को गिरफ्तार किया गया है। डॉक्टरों के खिलाफ रिपोर्ट हो चुकी है। राजस्थान सरकार का अभी कोई पत्र नहीं मिला है। हमसे जो सहयोग मांगेंगे, वह पहले की तरह आगे भी करेंगे।
-हृषिकेश भास्कर यशोद, डीएम
---