Rajasthan: कोरोना काल में दो भाई और बहनों ने लिखी रामायण
Coronavirus जालौर के दो भाई और बहनों ने आठ माह में रामायण लिख दी। दोनों भाई व बहनों को रामायण के सभी भाग कंठस्थ याद हैं। कोरोना काल में दूरदर्शन पर प्रसारित रामायण धारावाहिक को देख इसे कागज पर उतारने को लेकर दोनों भाई व बहनों के मन में आई।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Coronavirus: कोरोना काल में एक तरफ जहां लोग भय में जी रहे थे, वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में जालौर के दो भाई और बहनों ने आठ माह में रामायण लिख दी। दोनों भाई और बहनों को रामायण के सभी भाग कंठस्थ याद हैं। कोरोना काल में दूरदर्शन पर प्रसारित हुए रामायण धारावाहिक को देखकर इसे कागज पर उतारने को लेकर दोनों भाई और बहनों के मन में आई। उन्होंने पेन और पेंसिल से यह काम शुरू किया। इसके लिए कुल 20 कॉपियों के 2150 पेज पर रामायण लिखी। नौ वर्षीय भाई माधव और छह साल की बहन अर्चना व तीसरी कक्षा में पढ़ते हैं। ये दोनों जालौर के आदर्श विद्या मंदिर के स्टूडेंट्स हैं। माधव और अर्चना को रामायाण इतनी कंठस्थ हो गई कि इनसे रामायण के किसी भी भाग के बारे में पूछ लिया जाए तो वे तत्काल बता देतें हैं, वे कहीं नहीं अटकते।
दोनों का कहना है कि रामचरितमानस में सात कांड हैं। दोनों ने कापी में सातों बालकांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किष्किंधा कांड, सुंदरकांड, लंका कांड व उत्तर रामायण लिखी। माधव ने 14 कॉपियों में बालकांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड और उत्तर कांड लिखी, वहीं अर्चना ने छह कॉपियों में किष्किंधा कांड, सुंदर कांड, लंका कांड को लिखा। दोनों भाई और बहन का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान जैसे ही पहले दिन दूरदर्शन पर रामायाण का प्रसारण हुआ तो उन्होंने इसे लिखने और पढ़ने के प्रति इच्छा जताई। उन्होंने पहले परिवार के साथ और बाद में अकेले मास पारायण व नवाह पारायण में श्री रामचरितमानस का कुल तीन बार पठन किया। इस दौरान परिवार का पूरा सहयोग मिला। उनकी स्कूल के प्रधानाध्यापक सत्यजीत चक्रवर्ती का कहना है कि दोनों भाई और बहनों ने आठ माह में रामायण लिखी। उन्होंने रामायण लिखने का काम मार्गशीर्ष पूर्णिमा को पूरा किया। गौरतलब है कि प्रदेश में पहले के मुकाबले अब कोरोना के मामलों में काफी कमी आई है, मगर अभी कुछ जिलों में कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।