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HoneyTrap: हनीट्रैप में फंसे सेना के जवान, आइएसआइ से साझा की खुफिया जानकारी

Honey Trapping in Rajasthan. पिछले डेढ़ साल से हनीट्रैप में फंसे दोनों जवान सेना की जानकारियां आइएसआइ को भेज रहे थे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 01:01 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 05:17 PM (IST)
HoneyTrap: हनीट्रैप में फंसे सेना के जवान, आइएसआइ से साझा की खुफिया जानकारी
HoneyTrap: हनीट्रैप में फंसे सेना के जवान, आइएसआइ से साझा की खुफिया जानकारी

जयपुर, जागरण संवाददाता। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के हनीट्रैप में फंसे सेना के दो जवानों से पूछताछ में सामने आया कि उन्होंने डेढ़ साल में सामरिक महत्व से जुड़ी कई सूचनाएं आइएसआइ तक पहुंचाई हैं। दोनों जवानों ने पाकिस्तान से सटी राजस्थान की 1070 किलोमीटर लंबी सीमा के बारे में जानकारी आइएसआइ तक पहुंचाई। दोनों जवानों ने बीएसएफ की सीमा चौकियों, जैसलमेर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर में जवानों की तैनाती, थल सेना और वायुसेना के युद्धाभ्यास, सेना के पास मौजूद हथियारों सहित कई सूचनाएं साझा की थी। पुलिस ने दोनों जवानों को पकड़ तो लिया, लेकिन अधिकारिक रूप से ओडिशा निवासी कुक विचित्र बोहरा की गिरफ्तारी ही दिखाई है। हालांकि उसके दूसरे साथी जवान मध्य प्रदेश निवासी लांस नायक रवि वर्मा से फिलहाल पूछताछ की जा रही है। वहीं, इन जवानों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस, सेना भी सतर्क हो गई है।

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पूछताछ पूरी होने के बाद ही अधिकारिक तौर पर उसकी गिरफ्तारी दिखाई जाएगी। बुधवार को राजस्थान इंटेलिजेंस के अधिकारी दोनों जवानों से दिनभर पूछताछ की। राजस्थान इंटेलिजेंस ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया कि गुप्तचर एजेंसियों ने पक्की सूचना के बाद दोनों जवानों पर निगरानी रखी और फिर उन्हे जोधपुर रेलवे स्टेशन से मंगलवार रात गिरफ्तार किया गया। बुधवार को हुई पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। फिलहाल, पूछताछ जारी रहेगी। दोनों के बैँक खातों में कुछ रकम पाकिस्तान की तरफ से जमा होने की बात भी सामने आई है। इंटेलिजेंस एजेंसी बैंक खातों की जांच में जुटी है।

इंटरनेट कॉलिंग पर होता था संपर्क

इंटेलिजेंस अधिकारियों की पूछताछ में दोनों जवानों ने बताया कि वे फेसबुक के माध्यम से पाकिस्तान की एक महिला के संपर्क में आए थे। पहले फेसबुक पर दोस्ती हुई उसके बाद वॉट्सएप और इंटरनेट कॉलिंग से बातें होने लगीं। महिला आइएसआइ के लिए काम करती थी। महिला ने आइटी का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान में रहते हुए भारतीय नंबरों से जवानों को इंटरनेट कॉल की। दोनों जवान भारतीय नंबर देख महिला के जाल में फंस गए। दोनों को जाल में फंसाकर महिला सेना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी एकत्रित करती रही।

दोनों जवानों के बीच गहरी दोस्ती भी है। जवानों ने इंटेलिजेंस अधिकारियों को बताया कि महिला बातचीत में कई बार पंजाबी शब्दों का उपयोग करती थी। उमेश मिश्रा ने बताया कि दोनों जवान पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में सेना की 12 गार्डस में तैनात थे। दोनों ही मंगलवार को जोधपुर रेलवे स्टेशन से अपने-अपने गांव जा रहे थे। इसी दौरान सीआइडी की टीम ने दोनों को पकड़ लिया। दोनों के बारे में सूचना पहले से पक्की थी।

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