Rajasthan: राजसमंद में अगवा कर जुड़वा बच्चों की हत्या
Rajasthan खमनोर थाना क्षेत्र के सायों का खेड़ा बगा की बेर गांव के बाल सिंह के सात वर्षीय जुड़वा बेटे श्रवण सिंह व भूपेंद्र सिंह लापता हो गए थे। जिनके अपहरण की आशंका को लेकर उनकी मां चांदनी देवी ने दो दिन पहले खमनोर थाने में मामला दर्ज कराया है।
उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में राजसमंद जिले के खमनोर क्षेत्र में सात वर्षीय जुड़वा बच्चों की अपहरण के बाद हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दो दिन पहले दोपहर में लापता हुए बच्चों के शव शनिवार को घर से करीब एक किलोमीटर दूर कुएं से बरामद हुए। इस घटना को लेकर पुलिस ने अपहरण और हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। अब पुलिस की निगाह मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर है, जिससे उनकी मौत के कारणों का पता लग पाएगा। खमनोर थाना क्षेत्र के सायों का खेड़ा बगा की बेर गांव के बाल सिंह के सात वर्षीय जुड़वा बेटे श्रवण सिंह तथा भूपेंद्र सिंह अचानक लापता हो गए थे। जिनके अपहरण की आशंका को लेकर उनकी मां चांदनी देवी ने दो दिन पहले खमनोर थाने में मामला दर्ज कराया है।
मां चांदनी का कहना था कि गुरुवार को दोपहर में वह घर का काम कर रही थी, तब दोनों बच्चे घर के आंगन में खेल रहे थे। काम करने के बाद जब उसने बच्चों पर ध्यान दिए तो दोनों लापता हो गए थे। बच्चों की बरामदगी को लेकर शनिवार सुबह ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया था। इधर, खमनोर थाना पुलिस ने उदयपुर से डॉग स्क्वायड की सेवाएं ली। बच्चों को खंगाला जा रहा था इसी दौरान पता चला कि दोनों बच्चों के शव गांव के एक किलोमीटर दूर एक कुएं में पड़े होने की जानकारी मिली थी। घटना को लेकर राजसमंद के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवलाल बैरवा का कहना है कि प्रारंभिक रूप से मामला हत्याकांड का है। भादंसं की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। बच्चों के पिता जोधपुर में मिठाई बनाने का काम करते हैं, जिन्हें सूचना देकर बुलाया है।
इधर, जयपुर के वैशाली नगर में गत 26 अगस्त को नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचआइए) से जुड़े राजीव चावला की हत्या करवाने के मुख्य आरोपित करणदीप श्योराण ने शनिवार को कई राज उजागर किए। पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि उसके निशाने पर अथारिटी के दो और अधिकारी थे। गौरतलब है कि एचएचआइए की कंसल्टेंट एजेंसी के सलाहकार राजीव चावला की 26 अगस्त को जयपुर के वैशाली नगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह यहां एचएचआइए के दफ्तर में बैठक के लिए आए थे। पुलिस की जांच में सामने आया कि दिल्ली-गुरुग्राम हाइवे पर फुट ओवरब्रिज बनाने के लिए पिछले साल अगस्त में 35 करोड़ का टेंडर करणदीप की कंपनी को मिला था।