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Rajasthan: शहीद का बेटा बोला, सेना में भर्ती होकर पाकिस्तान को सबक सिखाऊंगा

Rajiv Singh Shekhawat. शहीद राजीव सिंह शेखावत के 10 साल के बेटे अधिराज सिंह ने मुखाग्नि दी। वह रोते हुए बोला कि सेना में भर्ती होकर पाकिस्तान को सबक सिखाऊंगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 08:00 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 08:00 PM (IST)
Rajasthan: शहीद का बेटा बोला, सेना में भर्ती होकर पाकिस्तान को सबक सिखाऊंगा
Rajasthan: शहीद का बेटा बोला, सेना में भर्ती होकर पाकिस्तान को सबक सिखाऊंगा

जयपुर, जेएनएन। Rajiv Singh Shekhawat. जम्मू-कश्मीर में पुंछ में पाकिस्तानी की फायरिंग में शहीद जयपुर की विराट नगर तहसील के लोहाकणा खुर्द गांव के सैनिक राजीव सिंह शेखावत का सोमवार को पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोगों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। शहीद के 10 साल के बेटे अधिराज सिंह ने मुखाग्नि दी। वह रोते हुए बोला, 'सेना में भर्ती होकर पाकिस्तान को सबक सिखाऊंगा।'

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राजीव सिंह कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर अग्रिम चौकी पर तैनात थे। गत आठ फरवरी को पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन कर की गई गोलीबारी में वह शहीद हो गए थे। राजीव सिंह की पार्थिव देह सोमवार सुबह उनके पैतृक गांव लोहाकणा खुर्द लाई गई। अंतिम यात्रा में शरीक हुए राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जयपुर (ग्रामीण) के सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ शहीद की अंतिम यात्रा में शरीक हुए। शोक स्वरूप गांव में व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। 36 साल के राजीव सिंह 2002 में सेना में भर्ती हुए थे।

वर्तमान में सेना के पांच राजपूत ग्रुप में नायक के पद पर तैनात थे। शहीद के परिवार में पिता शंकर सिंह, मां पुष्पा कंवर, पत्नी उषा कंवर और 10 साल का बेटा अधिराज है। सैनिक कल्याण बोर्ड मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मंत्री राजेन्द्र यादव, विराटनगर विधायक इंद्राज गुर्जर, पूर्व डिप्टी स्पीकर राव राजेन्द्र सिंह, पूर्व विधायक फूलचंद भिण्डा सहित सहित कई जनप्रतिनिधियों ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित किए।

राजीव सिंह शेखावत की शहादत पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा था कि मैं राजस्थान के बहादुर नायक राजीव सिंह शेखावत को सलाम करता हूं। जिन्होंने नियंत्रण रेखा पर सर्वोच्च बलिदान दिया।

ग्रामीणों के अनुसार राजीव गांव में सबकी आंख का तारा थे। वे जब भी ड्यूटी से आते थे तो बच्चों के साथ क्रिकेट और फुटबॉल मैच आयोजित करवाते थे। शहीद की पत्नी उषा देवी गृहिणी हैं और बेटा अधिराज सिंह 10 साल का है। शहीद के पिता शंकरसिंह भी सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं। लुहाकणां खुर्द गांव के कई लोग सेना में है। 

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