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Rajasthan: दो लोगों की मौत, सौ करोड़ के नुकसान के बाद खत्म हुआ जनजाति आंदोलन; हाईवे खुला

Protest End In Dungarpur हिंसक आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों ने 31 वाहन जला दिए पांच बड़ी तथा एक दर्जन से अधिक छोटी होटलों को लूटने के साथ नुकसान पहुंचाया। पेट्रोल पंप तथा कई दुकानों में तोड़फोड़ कर लूट लिया और आगजनी की। रोडवेज की सात बसों को फूंक दिया गया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 02:52 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 03:13 PM (IST)
Rajasthan: दो लोगों की मौत, सौ करोड़ के नुकसान के बाद खत्म हुआ जनजाति आंदोलन; हाईवे खुला
जनजाति अभ्यर्थियों ने धरना खत्म करने की घोषणा की है।

उदयपुर, संवाद सूत्र। Protest End In Dungarpur: राजस्थान में तृतीय ग्रेड शिक्षक के रिक्त अनारक्षित 1167 पदों को जनजाति अभ्यर्थियों से भरे जाने की मांग को लेकर शुरू जनजाति युवाओं का आंदोलन सोमवार को खत्म हो गया। सुबह दस बजे डूंगरपुर के कांकरी डूंगर से अभ्यर्थियों ने धरना खत्म होने की घोषणा की। इस आंदोलन में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि सौ करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति का नुकसान हुआ। हिंसक आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों ने 31 वाहन जला दिए, पांच बड़ी तथा एक दर्जन से अधिक छोटी होटलों को लूटने के साथ नुकसान पहुंचाया। पेट्रोल पंप तथा कई दुकानों में तोड़फोड़ कर लूट लिया और आगजनी की। रोडवेज की सात बसों को फूंक दिया गया।

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यूं तो रविवार को डूंगरपुर में जनजाति राज्य म़ंत्री अर्जुन बामणिया की मौजूदगी में हुई जनप्रतिनिधियों तथा आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों की शांति वार्ता के बाद आंदोलन स्थगन का निर्णय ले लिया गया, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा सोमवार को जनजाति आंदोलनकारियों ने कांकरी डूंगरी से की। आंदोलन समाप्ति के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बहाल हो गया। आंदोलनकारियों के उग्र रूप लेने के कारण पथराव में पचास से अधिक पुलिसकर्मी जिनमें अधिकारी भी शामिल हैं, घायल हो गए।

डूंगरपुर के बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र की कांकरी डूंगरी से लेकर उदयपुर के खेरवाड़ा तक आंदोलन की आग फैल गई और उपद्रव में तब्दील आंदोलनकारियों ने कई वाहनों तथा दुकानों के अलावा हाईवे की होटल्स में व्यापक रूप से तोड़फोड़ मचाई तथा लूटपाट के बाद आग लगा दी। इस दौरान पुलिस ने 45 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया और अलग-अलग दर्ज बीस मामलों में चार हजार लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए। हिंसक वारदात में एक युवक की मौत दो दिन पूर्व पुलिस की ओर से चलाई प्लास्टिक की गोली लगने से हो गई, जबकि एक अन्य युवक आगजनी में झुलसकर मर गया था।

अभी भी तैनात चार हजार जवान

आंदोलन खत्म हो चुका है, लेकिन अभी भी उन सभी क्षेत्रों में चार हजार से अधिक जवान तैनात हैं जहां पिछले चार दिन के दौरान हिंसा हुई थी। पुलिस महानिरीक्षक बिनिता ठाकुर का कहना है कि ऐहतियातन सुरक्षा बल तैनात है। अगले दो-तीन दिन में पूरी तरह उन्हें उठा लिया जाएगा।

ऋषभदेव तथा झाड़ोल में आगजनी

आंदोलन रविवार को खत्म हो गया था, लेकिन इसके बावजूद रविवार सुबह ऋषभदेव में तथा रविवार रात आदिवासियों के समूह ने झाड़ोल क्षेत्र में आगजनी की वारदातें कीं।


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