उदयपुर के तीन युवक 80 लाख की नकदी सहित गिरफ्तार, आयकर विभाग को दी सूचना
राजस्थान और गुजरात की उदयपुर से सटी रतनपुर बार्डर स्थित चेक पोस्ट पर कोरोना संक्रमण के चलते सभी वाहनों की जांच की जा रही है इसी दौरान उदयपुर के तीन युवकों को गिरफ्तार कर उनसे अस्सी लाख रुपए की नकदी जब्त की है।
उदयपुर, संवाद सूत्र। जिले की गुजरात से सटी रतनपुर बार्डर पर गुजरात पुलिस ने उदयपुर के तीन युवकों को गिरफ्तार कर उनसे अस्सी लाख रुपए की नकदी जब्त की है। यह नकदी उन्होंने अपनी कार के सीट के नीचे बनाए गुप्त खाने में रखी हुई थी। पुलिस ने उनकी कार भी जब्त कर ली है।
मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान और गुजरात की उदयपुर से सटी रतनपुर बार्डर स्थित चेक पोस्ट पर कोरोना संक्रमण के चलते सभी वाहनों की जांच की जा रही है। इसी दौरान गुजरात की शामलाजी थाना पुलिस ने उदयपुर से गुजरात ज रही एक एसयूवी कार की तलाशी ली। जिसमें सीट के नीचे एक विशेष प्रकार का बॉक्स बना हुआ था। जिसकी जांच की गई तो उसमें एक सीट के बना गुप्त खाना दिखाई दिया। इससे पुलिस को शंका हुई।
पुलिस की शंका थी कि यह खाना संभवत: मादक पदार्थ की तस्करी के बनाया होगा। उसकी तलाशी ली तो उनमें दो बैगों में रखे बंडलों में बांधकर रखे अस्सी लाख रुपए की नकदी मिली। इस राशि के बारे में तीनों युवक कोई उचित जवाब नहीं दे पाए। मौके पर गुजरात पुलिस के अरवल्ली जिले के पुलिस अधीक्षक संजय खरात भी मौके पर आए तथा उन्होंने तीनों युवकों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। पकड़े गए युवकों में उदयपुर निवासी मदन सालवी, राहुल गोविन्द राम तथा किशन लाल लौहार शामिल हैं। पुलिस ने उनकी कार भी जब्त कर ली है। युवकों ने बताया था कि वह उक्त रकम अहमदाबाद लेकर जा रहे थे। बरामद नकदी की सूचना आयकर विभाग को दी गई है।
धोखाधड़ी के मामले में संजीवनी क्रेडिट को- ऑपरेटिव सोसायटी अध्यक्ष गिरफ्तार
उदयपुर की हिरणमगरी थाना पुलिस ने लोगों को अच्छे निवेश का लालच देकर करोड़ों के निवेश को हड़पने के मामले में संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष विक्रम सिंह इंद्रोई को गिरफ्तार कर लिया। विक्रमसिंह ने साल 2008 में संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी का गठन किया ओर उदयपुर के अलावा जोधपुर, कोटा, बाड़मेर, जयपुर और गुजरात के कई शहरों में शाखाएं खेाली और लोगों को बेहतर निवेश का झांसा कर आठ सौ करोड़ का निवेश करा लिया। शुरू में कुछ निवेशकर्ताओं को लाभ भी दिया। बाद में निवेश की रकम से बाड़मेर, जयपुर तथा जोधपुर में भूमि खरीदी और बाकी निवेशकों को ब्याज की रकम तो दूर, उनकी मूल रकम भी नहीं लौटाई। इस मामले में विक्रमसिंह की पत्नी विनोद कुंवर इंद्रोई भी आरोपित है।