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Rajasthan: भरोसा टूटा तो लोगों ने दिन-रात एक कर खुद ही बना ली तीन किलोमीटर लंबी सड़क

उदयपुर जिले के सराड़ा तहसील अंतर्गत ओड़ा गांव के लोगों ने दिन-रात एक कर तीन किलोमीटर की सड़क बनाकर ऐसी नजीर पेश की जिसकी प्रशंसा की जा रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 10:36 AM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 10:43 AM (IST)
Rajasthan: भरोसा टूटा तो लोगों ने दिन-रात एक कर खुद ही बना ली तीन किलोमीटर लंबी सड़क
Rajasthan: भरोसा टूटा तो लोगों ने दिन-रात एक कर खुद ही बना ली तीन किलोमीटर लंबी सड़क

उदयपुर, सुभाष शर्मा। सरकार और जनप्रतिनिधियों से मिले आश्वासनों का भरोसा टूटा तो ग्रामीणों ने अपने बल-बूते कर गुजरने की ठान ली और सफल रहे। हालांकि इसके लिए ग्रामीणों को अपनी जेब तक ढीली करनी पड़ी। दिन-रात एक कर उन्होंने तीन किलोमीटर की सड़क बनाकर ऐसी नजीर पेश की जिसकी प्रशंसा की जा रही है।

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यह प्रशंसनीय काम किया है उदयपुर जिले के सराड़ा तहसील अंतर्गत ओड़ा गांव के लोगों ने। जो पिछले कई सालों से  सड़क के अभाव में बेहद परेशान थे। उन्होंने इसके लिए सांसद, क्षेत्रीय विधायक से लेकर हर स्तर पर गुहार लगाई और हर बार आश्वासन ही मिलता रहा। ग्रामीण सपाट सड़क के अभाव बेहद परेशान थे। जावरमाइंस जाने वाली पक्की सड़क पार करने के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ता था। कहीं तीन-तीन फीट गहरे गड्ढे तो कहीं पहाड़ी और पथरीली पगडंडी। गांव में यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उनकी पीड़ा और बढ़ जाती थी। वह कन्धे पर झूला बनाकर ही उन्हें उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल लेकर आते थे। जनप्रतिनिधियों की लगातार अनदेखी से वह बेहद परेशान थे।

इससे निपटने के लिए उन्होंने अपने स्तर पर सड़क बनाने का निर्णय लिया और हर घर से पैसे एकत्रित किए। इस तरह एक माह के दौरान उनके पास लगभग पचास हजार रुपए एकत्रित हो गए। गांव के शंकर और नरेंद्र मीणा बताते हैं कि श्रमदान के लिए गांव के सभी लोग तैयार थे लेकिन पथरीली, पहाड़ी सड़क को सपाट बनाने के लिए जेसीबी की जरूरत थी। इसके लिए लगभग दो सौ परिवारों ने यह राशि एकत्रित की थी। इसके बाद उन्होंने नदी-नालों और पहाड़ी और पथरीली जगहों पर जेसीबी के जरिए काम कराया, वहीं गांव के हर परिवार के सदस्य ने श्रमदान कर सपाट सड़क बनाने में सफलता हासिल की।

गांव के कन्हैयालाल का कहना है कि ओड़ा से जावरमाइंस तक जाने के लिए लोहर घाटी होकर गुजरना होता था, जो बेहद मुश्किल राह थी। अब इंतजार है कि कोई अपने मन से स्वत: आगे आए और इस सड़क को पक्का बनवा दे। उनकी इस मेहनत से ओड़ा ही नहीं, बल्कि आसपास के एक दर्जन से अधिक गांव के लोगों को फायदा होगा।

सराड़ा विधानसभा खत्म होने के साथ कोई पूछने वाला नहीं रहा ओड़ा गांव के लोगों का कहना है कि जब से सराड़ा विधानसभा खत्म हुई, उनकी बातें जनप्रतिनिधियों ने सुनना बंद कर दिया। सराड़ा विधानसभा के हिस्से  उदयपुर ग्रामीण, सलूम्बर के साथ मावली विधानसभा क्षेत्र में मर्ज कर दिए और उनके आसपास का इलाका तीन-तेरह का हो गया।

इधर, सराड़ा से विधायक रहे, पूर्व सांसद रघुवीरसिंह मीणा का कहना है कि उनके प्रयास रहेंगे कि ओड़ा ही नहीं, आदिवासी अंचल के गांवों तक पक्की सड़क बनाई जाए। वह इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर आदिवासियों की समस्या को सामने रखेंगे।


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