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राजस्थानः गहलोत सरकार में इस वर्ष तैयार होगा पूरे कार्यकाल का खाका, बनेंगी ये नई नीतियां Jaipur News

Gehlot Government. विभागों से कहा गया है कि जहां तक संभव हो सितंबर तक विभाग अपनी नीतियां तैयार कर लें ताकि चुनाव आचार संहिता से पहले इन्हें लागू कर दिया जाए।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 02:09 PM (IST)Updated: Fri, 09 Aug 2019 02:09 PM (IST)
राजस्थानः गहलोत सरकार में इस वर्ष तैयार होगा पूरे कार्यकाल का खाका, बनेंगी ये नई नीतियां Jaipur News
राजस्थानः गहलोत सरकार में इस वर्ष तैयार होगा पूरे कार्यकाल का खाका, बनेंगी ये नई नीतियां Jaipur News

मनीष गोधा, जयपुर। राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल के पहले वर्ष में अपने पूरा कार्यकाल का खाका तैयार कर रही है। इसके लिए विभिन्न विभागों में आठ नई नीतियां तैयार की जा रही हैं। ये नीतियां उद्योग, पर्यावरण, परिवहन, ऊर्जा, कृषि जैसे विभागों मे बन रही हैं। विधानसभा का बजट सत्र समाप्त होने के साथ ही सभी संबंधित विभाग इन नीतियों को तैयार करने में जुट गए हैं। सभी विभागों को अगले एक से डेढ़ माह में ये नीतियां तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले माह सरकार का इस वित्तीय वर्ष का बजट पेश किया था। इस बजट में तमाम अन्य घोषणाओं के साथ ही विभिन्न विभागों में नई नीतियां तैयार करने की बात भी की थी। इनमें से कुछ नीतियां सरकार पहली बार बना रही है। वहीं कुछ पहले से हैं और उन्हें बदल कर नई नीति लाई जा रही है। विधानसभा का बजट सत्र समाप्त हो गया है और राजस्थान मे नवंबर में निकाय चुनाव हैं। इन चुनावों की आचार संहिता अक्टूबर में लग जाएगी। ऐसे में सभी संबंधित विभागों में इन दिनों इन नीतियों पर काम किया जा रहा है। बैठकों का दौर चल रहा है और सभी संबंधित पक्षों से सुझाव लिए जा रहे हैं।

बताया जा रहा है कि विभागों से कहा गया है कि जहां तक संभव हो सितंबर तक विभाग अपनी नीतियां तैयार कर लें, ताकि चुनाव आचार संहिता से पहले इन्हें लागू कर दिया जाए। इन नीतियों के जरिए महत्वपूर्ण विभागों में पांच वर्ष के कामकाज का खाका तैयार हो जाएगा। ये नीतियां कृषि, ऊर्जा, परिवहन, उद्योग, खान जैसे अहम विभागों में बनाई जा रही हैं। इसके साथ ही तीन बड़ी परियोजनाओं के लिए विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है। ये रिपोर्ट तैयार होने के बाद अगले वित्तीय वर्ष मे इन पर काम शुरू हो सकेगा।

ये बनेंगी नई नीतियां

कृषि के लिए बहु उपयोगी फूड प्रोसेसिंग व्यवसाय व निर्यात प्रोत्साहन नीतिः राजस्थान में फूड प्रोसेसिंग के लिए नीति है। अब सरकार इसे निर्यात से जोड़ कर इसे नए रूप में सामने ला रही है। इसके लिए पहली बैठक हो चुकी है।

सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा नीति-यह नीति भी राजस्थान में पहले से लागू है। लेकिन अब सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा क्षेत्र में काफी बदलाव हो गए हैं। सौर ऊर्जा उत्पादन पर सरकार विशेष फोकस कर रही है इसलिए यह नीति भी नए सिरे से लाई जा रही है।

राजस्थान एम-सैंड नीति- राजस्थान में बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक है। हालांकि अवैध तौर पर बजरी का खनन किया जा रहा है और इसके चलते बजरी के दाम आसमान छू रहे हैं। बजरी खनन से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए सरकार मैन्युफैक्चर्ड बजरी को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। इसी के लिए यह नीति लाई जा रही है। यह नीति राजस्थान में पहली बार बनेगी।

इलेक्ट्रिक वाहन नीति- केंद्र सरकार देश भर मे इलेक्ट्रिक वाहनों को बढावा दे रही है। इन्हें कई तरह की छूट भी दी गई है। राजस्थान सरकार भी इसका फायदा उठाने के लिए यहां इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और इनके संचालन के लिए नीति बना रही है।

सिलिकोसिस नीति- प्रदेश में खनन क्षेत्र में लगे श्रमिकों में सैंकड़ों श्रमिक सिलिकोसिस रोग से पीड़ित हैं। सरकार इनके उपचार के लिए आर्थिक सहायता देती है। लेकिन इन मजदूरों के बीच काम कर रहे संगठन लंबे समय से इस बारे में एक नीति बनाने की मांग कर रहे हैं, ताकि पूरे राज्य में इन श्रमिकों को बेहतर ढंग से उपचार और सरकारी सहायता मिल सके। सरकार इसे लेकर नीति लाएगी।

बौद्धिक संपदा अधिकार नीति- इसके तहत राजस्थान में कृषि, विज्ञान, तकनीक व अन्य सभी क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को उनके नवाचारों के कॉपीराइट लेने में सुविधा होगी और उनके नवाचार को संरक्षण मिलेगा। यह नीति भी प्रदेश मे पहली बार बन रही है।

जलवायु परिवर्तन नीति- यह नीति भी राजस्थान में पहली बार बन रही है। राजस्थान जलवायु के हिसाब से विपरीत परिस्थितियों वाले क्षेत्रों में आता है। सरकार ने इसके लिए अलग निदेशालय भी बना दिया है।

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन नीति- राजस्थान में निवेश बढ़ाने के लिए यह नीति हर नई सरकार तैयार करती है। पिछली सरकार ने भी यह नीति बना रखी थी। अब गहलोत सरकार भी नई नीति ला रही है।

तीन परियोजनाओं की डीपीआर भी: इसके साथ ही तीन परियोजनाओं के लिए सरकार विस्तृत परियोजन रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार कर रही है। इसके तहत हिंडौली व अन्य क्षेत्र में पानी पहुंचाने की परियोजना, कोटा में चंबल रिवर फ्रंट तैयार करने की परियोजना और बेणेश्वर धाम पर पुल निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। इन परियोजनाओं पर अगले वित्तीय वर्ष मे काम शुरू होने की उम्मीद है।

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