राजस्थान में निजी विश्वविद्यालय खोलने के लिए 30 एकड़ जमीन जरूरी, सरकार ने जारी किए दिशा-निर्देश
राजस्थान में निजी विश्वविद्यालय खोलने के लिए 30 एकड़ जमीन जरूरी होगी सरकार ने जारी किए दिशा-निर्देश
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश में नए निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिशा-निर्देशों में प्रावधान किया गया है कि निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए स्थाई निधी व 30 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। अधिनियम में उल्लेखित शर्तों को पूरा करने के बाद समिति को निजी विश्वविद्यालय प्रारम्भ करने की अनुमति दी जाएगी।
राज्य में उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त शासन सचिव डॉ.मोहम्मद नईम ने बताया कि नए विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाली शिक्षा समिति के पास प्रशासनिक और अकादमिक गतिविधियों के लिए न्यूनतम 10 हजार वर्ग मीटर पर इमारत का निर्माण कार्य किया जाना चाहिये। न्यूनतम 10 लाख रुपये अथवा विनियामक निकाय के मानकों के अनुरूप जो भी राशि हो उतनी कीमत की किताबों और जनरल आदि को खरीदना होगा। इसके अलावा इमारत के अतिरिक्त कम्प्यूटर, फर्नीचर और अन्य चल तथा अचल सम्पत्तियों पर न्यूनतम 20 लाख रुपये खर्च किये जाएंगे।
नए विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए समिति को अन्डरटेकिंग देनी होगी कि पहले 3 साल में लाइब्रेरी की सुविधाएं समकालीन शिक्षा और रिसर्च के लिए पर्याप्त हों. यह सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम 50 लाख रुपये किताबों, जनरल, कम्प्यूटर, लाइब्रेरी नेटवकिंग तथा अन्य सुविधाओं के लिए खर्च किये जाएंगे। पहले पांच साल में इमारत के अलावा उपकरण, कम्प्यूटर, फर्नीचर, अन्य चल एवं अचल सम्पत्ति और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर न्यूनतम एक करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे ।
विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किये जाने वाले प्रत्येक विभाग में कम से कम एक प्रोफेसर, 2 रीडर्स, पर्याप्त संख्या में व्याख्याता और सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी।शिक्षा समिति को इन दिशा-निर्देशों के अतिरिक्त यूजीसी, एआईसीटीसी अथवा संबंधित किसी संवैधानिक संस्था द्वारा प्रदान किये गए अन्य निर्देशों का पालना करना होगा।