Move to Jagran APP

Rajasthan Bypoll: राजसमंद में सेवा और सिंपेथी के बीच होगा रोचक मुकाबला

Rajasthan Bypoll राजसमंद में इस बार का मुकाबला बेहद रोचक होने जा रहा है। भाजपा ने जहां दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ती माहेश्वरी को मैदान में उतारा है वहीं कांग्रेस ने पहली बार राजसमंद जिले से उद्यमी तनसुख बोहरा को उतारकर चुनौती दी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 07:46 PM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 07:46 PM (IST)
Rajasthan Bypoll: राजसमंद में सेवा और सिंपेथी के बीच होगा रोचक मुकाबला
राजसमंद में सेवा और सिंपेथी के बीच होगा रोचक मुकाबला। फाइल फोटो

उदयपुर, सुभाष शर्मा। Rajasthan Bypoll: राजस्थान के राजसमंद में अगले महीने 17 अप्रैल को विधानसभा के लिए उपचुनाव होने हैं। नामांकन प्रक्रिया जारी है और शनिवार तक चार उम्मीदवार परचा भर चुके हैं। पिछले चार बार हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की एकतरफा जीत होती रही, लेकिन इस बार का मुकाबला बेहद रोचक होने जा रहा है। यहां सिंपेथी बनाम सेवा के बीच मुकाबला तय है। भाजपा ने जहां दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ती माहेश्वरी को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने पहली बार राजसमंद जिले से उद्यमी तनसुख बोहरा को उतारकर चुनौती दी है। तनसुख लंबे समय से जन सेवा के लिए पहचाने जाते हैं। विधायक किरण माहेश्वरी भी उन्हें भामाशाह सम्मान से सम्मानित कर चुकी हैं।

loksabha election banner

मार्बल उद्योग के लिए प्रसिद्ध इस विधानसभा के लिए उद्यमी तनसुख बोहरा का नाम चौंकाने वाला तो नहीं, लेकिन यह पहली बार है कि कांग्रेस ने ऐसे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है, जो बिना किसी चुनाव के अनुभव के मैदान में उतरे हैं। केलवा मूल के उद्यमी तनसुख बोहरा कहते हैं कि भले ही वह चुनाव नहीं लड़े, लेकिन जनता से हमेशा से जुड़े रहे हैं। अपने क्षेत्र के गांवों और पंचायतों में उनके योगदान से कई विकास कार्य भी हुए हैं।

सक्रियता और सिंपेथी का लाभ दीप्ती के साथ

भाजपा की उम्मीदवार दीप्ती माहेश्वरी पार्टी के लिए नई किरण के रूप में देखी जा रही है। वह अपनी मां किरण माहेश्वरी के निधन के बाद से ही क्षेत्र में सक्रिय है। इस तरह वह पिछले डेढ़ महीने से क्षेत्र में बनी हुई हैं। किरण माहेश्वरी के लगातार तीन बार विधायक रहने के बाद दीप्ती के साथ सिंपेथी बन सकती है। भाजपा के लिए लगातार मिली जीत भी उसकी जीत के लिए मजबूती प्रदान करती है, लेकिन हाल ही नगर निकाय चुनाव में राजसमंद और नाथद्वारा में मिली हार भाजपा के लिए मुश्किल साबित हो सकती है।

स्थानीय और सेवाभाव का चेहरा है तनसुख

कांग्रेस के उम्मीदवार तनसुख बोहरा के साथ स्थानीय होने के साथ सेवाभावी के रूप में उनकी पहचान लाभदायी है। भाजपा प्रत्याशी दीप्ती चित्तौड़गढ़ जिले की, जबकि तनसुख बोहरा इसी जिले के हैं। पार्टी में पूरी तरह सक्रिय तो नहीं लेकिन वह अपने क्षेत्र में विकास के लिए हमेशा से वित्तीय मदद करते आए हैं। विधायक किरण माहेश्वरी भी उन्हें भामाशाह सम्मान से नवाज चुकी थी। क्षेत्र में बड़ी संख्या में मार्बल उद्यमी रहते हैं और खुद तनसुख बोहरा मार्बल की खान के मालिक हैं और बड़े कारोबारी हैं। ऐसे में वह उद्यमी और उनसे जुड़े लोगों को अपने साथ जोड़ पाते हैं या नहीं, फिलहाल वक्त बताएगा।

दोनों ओर गुटबाजी और भितरघात का खतरा

भाजपा और कांग्रेस ने राजसमंद विधानसभा के उप चुनाव के लिए अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, लेकिन दोनों ही दलों में गुटबाजी से इनकार नहीं किया जा सकता। दीप्ती माहेश्वरी को भाजपा ने टिकट दिया लेकिन दावेदारों में पूर्व सांसद हरि ओम सिंह राठौड़ के बेटे करणवीर सिंह, महेन्द्र कोठारी, गणेश पालीवाल, जगदीश पालीवाल, नंदलाल सिंघवी, अशोक रांका आदि शामिल थे, जो अभी तक खुलकर पार्टी प्रत्याशी के साथ नहीं जुड़े हैं। इधर, कांग्रेस में पूर्व जिला प्रमुख नारायण सिंह भाटी, पूर्व सभापति आशा पालीवाल, दिनेश बाबेल, भगवत सुराणा, महेश प्रताप सिंह, शांतिलाल कोठारी की सक्रियता और निष्क्रियता का असर पार्टी प्रत्याशी तनसुख बोहरा की जीत-हार पर निर्भर रहेगी।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.