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राजस्थान की पहली एमबीबीएस महिला सरपंच बनी शहनाज

मेवात के लोग दावा तो यह भी कर रहे हैं कि शहनाज राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में ऐसी पहली महिला सरपंच है, जिसने एमबीबीएस करते हुए राजनीति में आने का निर्णय किया

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 14 Mar 2018 01:17 PM (IST)Updated: Thu, 15 Mar 2018 10:32 AM (IST)
राजस्थान की पहली एमबीबीएस महिला सरपंच बनी शहनाज
राजस्थान की पहली एमबीबीएस महिला सरपंच बनी शहनाज

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान के भरतपुर जिले के मेवात क्षेत्र में ना तो लड़कियां 12वीं कक्षा से अधिक पढ़ती है और ना ही समाज सेवा में आगे आती हैं । लेकिन कांमा पंचायत की शहनाज ने एक नया कीर्तिमान रचा है। वो राजस्थान की पहली एमबीबीएस महिला सरपंच बनी है।

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मेवात के लोग दावा तो यह भी कर रहे हैं कि शहनाज राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में ऐसी पहली महिला सरपंच है, जिसने एमबीबीएस करते हुए राजनीति में आने का निर्णय किया । 24 वर्षीय शहनाज की एमबीबीएस का चौथा साल है और वह इसी माह के अंत में गुरूग्राम के सिविल अस्पताल में अपनी इंटरशिप शुरू करेगी । शहनाज भविष्य में हरियाणा अथवा राजस्थान के मेवात क्षेत्र के किसी एक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहती है ।शहनाज के नाना चौधरी तैयब हुसैन पंजाब, हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों में केबिनेट मंत्री रहे । वे फरीदाबाद से दो बार फरीदाबाद से सांसद भी रहे ।

चौधरी तैयब हुसैन का हरियाणा,राजस्थान और उत्तरप्रदेश में मेव समाज में काफी प्रभाव था ।तैयब हुसैन की बेटी और शहनाज की मां जाहिदा भरतपुर जिले के कांमा विधानसभा क्षेत्र से एक बार विधायक रहते हुए तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार में संसदीय सचिव रही। पिता जलीस खान कामां पंचायत समिति के एक बार प्रधान रह चुके हैं ।जाहिदा का कहना है कि शहनाज का मानना है कि एमबीबीएस करने के बाद वह मेव समाज की लड़कियो में शिक्षा को लेकर काम करेगी,इसके लिए उसने अभी से योजना बनाना शुरू भी कर दिया ।अपने राजनीति में आने के फैसले पर शहनाज ने बताया कि " पिछले छह माह में मेरी जिंदगी बिल्कुल बदल गई,मुझसे पहले मेरे दादाजी भी इसी गांव के सरपंच थे,लेकिन वर्ष,2017 में किन्ही कारणों के चलते कोर्ट ने उनका निर्वाचन खारिज कर दिया,इसके बाद गांव और परिवार में यह चर्चा शुरू हो गई कि किसे चुनाव लड़ाया जाए,इसी बीच मेरा नाम सामने आया गया "।

शहनाज का कहना है कि,राजस्थान में पंचायत का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम 10वीं कक्षा पास होना आवश्यक होना भी मेरा राजनीति में आने का प्रमुख कारण रहा। शहनाज के दादा पर फर्जी मार्कशीट के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप था और इसी कारण उनका चुनाव खारिज हो गया । शहनाज का कहना है कि मेरे सरपंच बनने से मेवात की लड़कियां शिक्षा को लेकर जागरूक होंगी। अभिभावक भी इस ओर ध्यान देंगे। शहनाज का कहना है कि उत्तरप्रदेश,हरियाणा और राजस्थान के मेवाज इलाकों में रहने वाले लोगों को शैक्षिक,आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि पिछड़ा माना जाता है,अब इस पिछड़ेपन को दूर करना मेरा मुख्य मकसद रहेगा । 


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