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Rajasthan : मरीज बातें करता रहा डाॅ. ने कर दी ब्रेन सर्जरी

डाॅ सिद्धार्थ वर्मा ने कोरोना काल में किया जटिल आॅपरेशन आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना में रोगी को निःशुल्क मिला उपचार

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 01:30 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 01:52 PM (IST)
Rajasthan : मरीज बातें करता रहा डाॅ. ने कर दी ब्रेन सर्जरी
Rajasthan : मरीज बातें करता रहा डाॅ. ने कर दी ब्रेन सर्जरी

अजमेर, जागरण संवाददाता। ऑपरेशन थियेटर के बाहर खड़े होकर मरीज का कुशलता से ऑपरेशन होने की प्रार्थना में परिजनों को बातचीत करते तो सबने सुना होगा किन्तु ऑपरेशन टेबल पर मरीज के दिमाग का ऑपरेशन चल रहा हो और वह खुद अपनी कुशलता की जानकारी देने के लिए डाक्टर से लगातार बातचीत कर रहा हो ऐसा तो शायद ही सुना होगा।

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जैतारण, पाली का रहने वाला तीस वर्षीय सावर राम ऐसा ही वह मरीज है जिसके दिमाग के बाएं तरफ पनपा ब्रेन ट्यूमर मित्तल हाॅस्पिटल के ब्रेन व स्पाइन सर्जन डाॅ सिद्धार्थ वर्मा ने रोगी से बातों ही बातों में निकाल दिया। खास बात रही कि यह अत्यंत ही जटिल ऑपरेशन सरकार की आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत नि:शुल्क किया गया। सिर में दर्द रहने, शरीर के दाएं हिस्से में कमजोरी महसूस करने तथा एक माह से मिर्गी के दौरे आने की पीड़ा के साथ मित्तल हाॅस्पिटल जांच के लिए पहुंचे रोगी को यदि समय पर उपचार नहीं मिलता तो उसकी जान जाने का बड़ा खतरा था।

न्यूरो सर्जन डाॅ सिद्धार्थ वर्मा के अनुसार ऐसा इसलिए किया गया चूंकि यह ट्यूमर आवाज को नियंत्रित करने वाले हिस्से के बिल्कुल पास में था और वहीं सर्जरी की जानी थी। इस ट्यूमर को निकाले जाने में मरीज की आवाज जाने का अधिक खतरा था इसलिए मरीज को बेहोश किए बिना ऑपरेशन प्लान किया गया। मरीज को दर्द ना हो इसलिए उसे लोकल एनेस्थीसिया दिया गया, सर्जरी के वक्त मरीज को लगातार आंखें खोलकर रखने और बातचीत करते रहने के लिए बोला जाता रहा।

डाॅ सिद्धार्थ के अनुसार इस ऑपरेशन में पूरी टीम की तकनीकी दक्षता और कुशल अनुभव की जरूरत होती है। हाॅस्पिटल के एनेस्थीसियोलाॅजिस्ट डाॅ राजीव पांडे एवं ओटी तकनीकी स्टाफ आमिर, आसिफ, भगवान, रामेश्वरसिंह और हेमा के सहयोग से यह संभव हो सका।

अवेक क्रेनियोटाॅमी सर्जरी है इसका नामः-

चिकित्सकीय भाषा में इसे अवेक क्रेनियोटाॅमी सर्जरी कहा जाता है। डाॅ सिद्धार्थ वर्मा बताते हैं कि इसमें मरीज को पूरी तरह बेहोश न करके ऑपरेशन के हिस्से को ब्लाॅक लगाकर सुन्न कर दिया जाता है, इसमें मरीज काॅंशियस सेडेशन अवस्था में रहता है। इसका लाभ यह होता है कि जब मरीज के दिमाग के आवाज वाले हिस्से में काम कर रहे होते हैं तब मरीज से लगातार बातचीत करते रहते हैं जिससे कि दिमाग के उस हिस्से में डैमेज न हो, आवाज जाने का खतरा कम रहे। 


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