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एयरफोर्स में मिग-27 फाइटर जेट का चार दशक का सफर होगा समाप्त, एयरबेस पर दी जाएगी विदाई

जहां भारतीय वायुसेना में राफेल जैसे अत्याधुनिक विमान शामिल होने जा रहे हैं वहीं दूसरी तरह करीब चार दशक से अपना पराक्रम दिखा रहे मिग-27 का युग अब समाप्त होने जा रहा है

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 25 Dec 2019 03:21 PM (IST)Updated: Wed, 25 Dec 2019 03:21 PM (IST)
एयरफोर्स में मिग-27 फाइटर जेट का चार दशक का सफर होगा समाप्त, एयरबेस पर दी जाएगी विदाई
एयरफोर्स में मिग-27 फाइटर जेट का चार दशक का सफर होगा समाप्त, एयरबेस पर दी जाएगी विदाई

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। एक तरफ जहां भारतीय वायुसेना में राफेल जैसे अत्याधुनिक विमान शामिल होने जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरह करीब चार दशक से अपना पराक्रम दिखा रहे "मिग-27" का युग अब समाप्त होने जा रहा है। शुक्रवार के बाद भारतीय वायुसेना में "मिग-27" का उपयोग नहीं हो सकेगा।

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"मिग-27" को जोधपुर एयरबेस पर विदाई देने के लिए वायुसेना की सूर्यकिरण विमान की टीम पहुंच चुकी है। सूर्यकिरण विमानों के बेहतरीन कारनामों के बीच "मिग-27" को विदाई दी जाएगी। वर्तमान में जोधपुर एयरबेस पर 7 मिग-27 तैनात है। ये सभी 7 विमान शुक्रवार को अपनी आखिरी उड़ान भरेंगे और उनके उतरने पर सैल्यूट कर सम्मान दिया जाएगा। इसके बाद सभी विमान फेज आउट हो जाएंगे और उनकी उड़ानें अतीत का हिस्सा बन जाएगी। जोधपुर एयरबेस से जुड़े सैन्य सूत्रों के अनुसार तीन साल पहले पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में "मिग-27" की दो स्क्वाड्रन के विमान फेज आउट हो चुकी है।

सैन्य सूत्रों ने बताया कि "मिग-27" का उपयोग वर्तमान में दुनिया का कोई भी देश नहीं कर रहा है। केवल भारत में ही इनका उपयोग हो रहा है,वह भी अब खत्म हो जाएगा।

1700 किमी. प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ने मे समक्ष मिग-27

भारतीय वायुसेना में बेहतरीन फाइटर विमान माने जाने वाले "मिग-27" हवा से जमीन तक मार करने वाला बेहतरीन विमान माना जाता है। साल,1981 में पहली बार "मिग-27" को वायुसेना में शामिल किया गया था। 1700 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षय यह विमान एक साथ चार हजार किलोग्राम के हथियार ले जा सकता है।

हालांकि इसके इंजन में गड़बड़ी के कारण क्रैश होने की घटनाएं भी काफी हुई। पिछले एक दशक में सबसे अधिक क्रैश होने वाले विमानों में "मिग-27" शामिल है। सैन्य सूत्रों का कहना है कि इंजन की तकनीकी गड़बड़ी दूर नहीं की जा सकी। करीब तीन साल पहले इन विमानों को वायुसेना के बेड़े से हटाने का निर्णय लिया गया था,जिस पर अब अमल हो रहा है।

पाकिस्तान से सटी राजस्थान की 1070 किलोमीटर लंबी सीमा को देखते हुए जोधपुर एयरबेस को सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, इस कारण यहां "मिग-27" को तैनात किया गया था। अब राफेल विमानों को यहां तैनात किया जाएगा। सरकार 36 राफेल विमान खरीद रही है। इन सभी विमानों के वायुसेना में शामिल होने में दो साल का समय लगेगा।

सेना के प्रवक्ता ने कहा, अब कहीं नहीं दिखेंगे ये विमान

सेना के प्रवक्ता सांबित घोष ने दैनिक जागरण को बताया कि शुक्रवार को मिग-27 की अंतिम स्कॉर्पियन-29 स्क्वाड्रन के सभी विमानों को डिकमीशन कर दिया जाएगा, अर्थात हटाया जाएगा। इसके बाद इन विमानों को कहीं भी उड़ान भरते हुए नहीं देखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस से इन विमानों को हटाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि विदाई के बाद इन विमानों का उपयोग अधिकतर सोविनियर के रूप में किया जाता है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को जोधपुर एयरबेस पर आयोजित होने वाले समारोह में सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। 


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