एमसीए के स्टूडेंट ने किया जियो के 1.20 करोड़ यूजर्स का डाटा लीक
1.20 करोड़ यूजर्स के मोबाइल नम्बर,इमेल आईडी सहित कई जानकारियां साइट पर उपलब्ध कराई थी।
जयपुर, [जागरण संवाददाता]। रिलायंस जियों के 1.20 करोड़ यूजर्स का ईमेल-आईडी,मोबाइल नम्बर सहित अन्य जानकारियां लीक मामले में गिरफ्तार राजस्थान के चूरू जिले में सुजानगढ़ निवासी इमरान छीपा ने कई बड़े खुलासे किए है।
एमसीए के छात्र इमरान छीपा ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि जियो के सॉफ्टवेयर में कई तरह की खामियां है। जियों के साफ्टवेयर में ऐसी कमी थी कि जिससे यूजर्स का डाटा चुराना आसान हो गया था। इमरान ने 5 जुलाई को अपनी खुद की वेबसाइट 'मैजिकेप' पर यह डाटा अपलोड किया था,इसके बाद साइट पर इतना अधिक ट्रेफिक आने लगा कि एक बार तो साइट ही हैंग हो गई थी।
इमरान ने पूछताछ में बताया कि अपनी वेबसाइट बनने के पीछे मकसद यूजर्स को छोटी-मोटी जानकारी देना था। इमरान ने बताया कि अपनी साइट तैयार करते समय वह जियो के सॉफ्टवेयर पर भी नजर रख रहा था। ऐसे में जब उसे साफ्टवेयर में कई छोटी-छोटी गडबडी मिली जिससे यूजर्स के बारे में जानकारियां हासिल की जा सकती थी।
इमरान ने यह जानकारियां अपनी वेबसाइट पर लिंक उपलब्ध कराते हुए साझा कर दी थी। उसने वेबसाइट पर लिखा था कि 'रिलायंस जियो कस्टमर्स का यह डाटा मूल दस्तावेजों के माध्यम से प्राप्त किया गया है'। उसने 1.20 करोड़ यूजर्स के मोबाइल नम्बर,इमेल आईडी सहित कई जानकारियां साइट पर उपलब्ध कराई थी। उल्लेखनीय है कि जियो की ओर से मुम्बई पुलिस में डाटा लीक होने का मामला दर्ज कराया गया था।
मुम्बई पुलिस ने जांच शुरू की तो डाटा लीक करने वाली वेबसाइट का का आईपी एड्रेस चूरू जिले के सुजानगढ़ का निकला। इस पर मुम्बई पुलिस ने राजस्थान पुलिस से सम्पर्क किया और सोमवार शाम मुम्बई पुलिस की एक टीम सुजानगढ़ पहुंची। पूरी कार्रवाई को गोपनीय रखते हुए सोमवार को छह लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला वेबसाइट बनाने वाला इमरान छीपा है।
मुम्बई पुलिस के एसीपी दीपक ढोले ने राजस्थान पुलिस के सहयोग से कार्रवाई करते हुए मंगलवार दिनभर इमरान छीपा के घर सर्च किया और वहां मौजूद कम्प्यूटर सहित अन्य संसाधनों की जांच की। पूछताछ में इमरान ने कई राज खोले। चूरू के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेन्द्र फौजदार ने बताया कि बुधवार को मुम्बई से पुलिस इमरान छीपा को अपने साथ लेकर जाएगी और वहां साइबर सेल इसकी जांच करेगी।