भाजपा के लिए मुसीबत बने "माननीयों " के बिगड़े बोल
चुनावी साल में भाजपा विधायकों के बिगड़े बोल राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार और पार्टी नेतृत्व के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं ।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा । चुनावी साल में भाजपा विधायकों के बिगड़े बोल राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार और पार्टी नेतृत्व के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। पार्टी विधायकों के बिगड़े बोल के कारण भाजपा नेतृत्व की कई बार किरकिरी हुई,लेकिन विधायक अपने बड़बोलेपन से बाज आने को तैयार नहीं है। अब राज्य के कोटा में लहसुन किसानों की आत्महत्याओं को लेकर भाजपा विधायक हीरालाल नागर ने विवादित बयान दिया है।
नागर ने कहा कि किसान मुआवजे के लिए आत्महत्याएं कर रहे है। नागर का मानना है कि किसान सिर्फ इसलिए मौत को गले लगा रहे है,क्योंकि उन्हें लगता है कि घाटा दिखाकर आत्महत्या करने से उनका समस्त लोन माफ हो जाएगा और सरकार परिवार की मदद भी करेगी।
सांगोद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक हीरालाल नागर ने किसानों की आत्महत्याओं को लेकर यह विवादित बयान केन्द्र की मोदी सरकार के 4 साल के कार्यकाल पूरा होने पर मीडिया से बातचीत करते हुए दिया । नागर ने मीडियाकर्मियों से कहा,आप मेरे साथ गांवों में चलकर देखो किसान को कोई परेशानी नहीं है। किसान बैंकों का लोन माफ कराने और सरकार से परिजनों को सहायता दिलाने के लिए आत्महत्याएं कर रहे है।
उन्होंने कहा कि सरकार भी कहां तक पैसा देगी। नागर के इस बयान पर राज्य के पूर्व गृहमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शांति धारीवाल ने नागर के बयान की निंदा करते हुए कहा कि एक तरफ तो किसान मौत को गले लगा रहा है और दूसरी तरफ भाजपा के नेता उसका मजाक उड़ा रहे हैं। धारीवाल ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से इस मामले में जवाब देने की मांग की है। इधर अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ विधायक भवानी सिंह राजावत ने वसुंधरा राजे सरकार और पार्टी के लिए मुसीबत पैदा कर दी है।
राजावत ने विधायक कोष से डॉ.भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा लगाने के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजावत ने कहा कि विधायक कोष से मूर्तियां ही लगानी है तो सिर्फ अबेंडकर की प्रतिमा को क्यों चुना गया,महाराणा प्रताप में क्या बुराई थी। उन्होंने कहा कि मातृ भूमि की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप ने अकबर से लोहा लिया था राजवत ने कहा कि अम्बेडकर संविधान निर्माता थे,इसी आधार पर उनकी प्रतिमा लगाई जाती है। लेकिन महाराणा प्रताप ने भी राजसी जीवन त्यागकर मातृभूमि की रक्षा के लिए संघर्ष किया तो फिर उनकी प्रतिमा सरकारी कोष से क्यों नहीं लगाई जाती है।
उल्लेखनीय है कि वसुंधरा राजे सरकार ने विधायक कोष से डॉ.अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित कराए जाने की अनुमति प्रदान की थी। सरकार ने भाजपा के सभी विधायकों से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में डॉ.अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित कराने के लिए कहा भी था। सरकार के इसी फैसले पर राजावत भडक गए। दो दिन पूर्व भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने एक विवादित बयान देते हुए भगवान हनुमानजी को दुनिया का पहला आदिवासी बताया था।
जयपुर स्थित भाजपा मुख्यालय में बातचीत में आहूजा ने कहा था कि इस धरती पर सबसे पहले आदिवासी नेता हनुमानजी थे,इस कारण सबसे अधिक मंदिर हनुमान जी के ही बने हुए है। इधर पिछले सप्ताह सीकर संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने एक बैठक के दौरान कहा था कि,काम नहीं करने वाले अफसरों को मै टंगवा देता हूं । सांसद के इस बयान पर अधिकारियों ने मुख्य सचिव के समक्ष नाराजगी जताई थी ।